Auraiya News: हार्ट अटैक से प्रधानपति की मौत मामले में नया मोड़, परिजनों का पंचायत राज अधिकारी पर गंभीर आरोप
Auraiya News: यूपी के औरैया में दो दिन पहले प्रधानपति की हार्ट अटैक से हुई मौत मामले में नया मोड़ आ गया है, परिजनों ने पंचायती राज अधिकारी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है, जिससे उनकी मौत हुई.
Auraiya News: यूपी के औरैया (Auraiya) में दो दिन पहले प्रधानपति की हार्ट अटैक से हुई मौत मामले में नया मोड़ आ गया है, जहां ब्लॉक के कई प्रधान और मृतक के परिजनों ने डीपीआरओ को मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए जिलाधिकारी से शिकायत की है. परिजनों ने आरोप लगाया कि अधिकारी दबाव बनाते है और काम में कमियां निकाल कर रुपयों की मांग कर प्रताड़ित करते हैं. यही नहीं डोंगल जमा करने की धमकी भी देते है जिस कारण से प्रधान पति परेशान थे और उनकी मौत हो गई. वहीं दूसरी तरफ डीपीआरओ ने कहा कि उन्हें राजनीति का शिकार बनाया जा रहा है.
प्रधानपति की मौत मामले में नया मोड़
दरअसल औरैया ब्लाक के गांव रौतियपुर में दो दिन पहले प्रधानपति की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. जिसके बाद ब्लॉक के कई प्रधान और प्रधानपति के परिजनों ने डीपीआरओ को हार्ट अटैक की वजह बताया. दरअसल इस ग्राम प्रधान महिला है और उनके पति मुनीश दोहरे प्रधान प्रतिनिधि के तौर पर काम देखते थे. लेकिन पंचायत राज अधिकारी शिव शंकर सिंह गांव में हो रहे विकास को लेकर कमियां निकालते और गालियां देते थे. जिससे वो मानसिक रूप से परेशान थे. उनकी तबियत खराब हुई और अटैक आ गया. परिजनों ने मनीश दोहरे की मौत का जिम्मेदार शिव शंकर सिंह को बताया और कार्रवाई की मांग की.
पंचायत अधिकारी पर प्रताड़ना का आरोप
इस पूरे मामले पर परिजनों का कहना है गांव में हुए विकास कार्य को लेकर अक्सर पंचायत राज अधिकारी के पास शिकायतें बनी रहती हैं जिन का फायदा उठाकर वह ग्राम प्रधानों का उत्पीड़न करते हैं और उनसे रुपए वसूलने का काम करते हैं. रौतियापुर में ग्राम पंचायत और सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा था, जिसको देखने के लिए पंचायत राज अधिकारी गांव पहुंचे और काम मे कमियों का हवाला देकर उनसे बोले अब तेरी किश्त नहीं आएगी और तेरा काम भी नहीं होगा. इसके साथ ही उन्होंने गाली गलौज की और डोंगल जमा करवाने की धमकी दी.
पंचायती राज अधिकारी का आरोपों से इनकार
वहीं दूसरी तरफ पंचायती राज अधिकारी शिव शंकर ने आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने बताया कि गांव में हो रहे विकास कार्य को लेकर शिकायत मिली थी जिसकी जांच के लिए वो गए थे. मैंने ग्राम प्रधान से अधूरे पड़े कार्य को पूरा करने की बात कही थी और कहा कि जो रुपये निकाले हैं उनका भुगतान भी आकर दिखाओ. क्योंकि रुपये ज्यादा निकाले गए थे और काम नहीं हुआ था.
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