Ayodhya News: रामनगरी अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है जाहिर सी बात है कि मंदिर निर्माण के साथ अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ी है. जिसे देखते हुए अयोध्या में श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर बड़े और भव्य मार्ग बनाए जा रहे हैं. इस कड़ी में सोमवार को हनुमानगढ़ी से कनक भवन और राम जन्मभूमि जाने वाले मार्ग भक्ति पथ पर बनी दुकानों को हटाने के लिए प्रशासन का बुलडोजर चलाया गया. इन दुकानदारों को दो महीने पहले ही अधिग्रहण का मुआवजा दे दिया गया था.
दुकानों पर चला प्रशासन का बुलडोजर
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ यहां की सूरत को बदलने की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही हैं. राम नगरी में प्रवेश के लिए सहादतगंज से अयोध्या नया घाट तक के मार्ग को राम पथ का नाम दिया गया है. इसके अलावा हनुमानगढ़ी से कनक भवन और राम जन्मभूमि जाने वाले मार्ग को भक्ति पथ का नाम दिया गया है. जिला प्रशासन ने भक्ति पथ पर पड़ने वाले 349 दुकानदारों को 2 महीने पहले अधिग्रहण का मुआवजा दे दिया था. जिसके बाद सोमवार को प्रशासन का बुलडोजर भक्ति पथ पर पड़ने वाली दुकानों पर चला, इससे व्यापारियों में हड़कंप मच गया.
दरअसल, यहां के व्यापारी जिला प्रशासन से परिक्रमा मेले तक का समय मांग रहे थे लेकिन जिला प्रशासन पिछले डेढ़ महीने से लगातार व्यापारियों को समय दे रहा था. इससे पहले व्यापारियों और जिला प्रशासन की समन्वय बैठक में व्यापारियों को दीपावली तक का समय दिया गया था. जिसके बाद सोमवार को प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए इन दुकानों पर बुलडोजर दौड़ा दिया.
दो महीने पहले ही दिया जा चुका है मुआवजा
एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने बताया कि जिन दुकानदारों को मुआवजा दिया जा चुका है और जिन्होंने अपनी दुकान के पीछे प्रतिष्ठान का निर्माण करा लिया है उन दुकानों को 2 दिन का समय दिया गया था. दुकानदारों को समय दिए जाने के बावजूद उन्होंने अपना सामान नहीं हटाया इसलिए दुकानें हटाने के लिए जेसीबी मंगाई गई है. अब दुकानदारों ने अपने सामान हटाने शुरू कर दिए हैं.
एडीएम प्रशासन ने कहा कि दुकानों को हटाने के लिए प्रतिदिन रूट डायवर्जन करना होगा. रूट डायवर्ट करके दुकानों को तोड़ा जा रहा है और उसके बाद मलबा हटाया जाएगा. दुकानों के पीछे दुकानदारों के पास अपना स्पेस उपलब्ध है. प्रशासन ने कहा कि त्योहार बीत चुके हैं और आगे पंचकोसी परिक्रमा शुरू हो रही है. उस दरमियान एहतियात बरतनी पड़ेगी. धीरे-धीरे दुकानें तोड़ी जाएंगी और उनका मलबा सड़कों से हटाया जाएगा.
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