Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में स्थापित रामलला के अस्थाई मंदिर में व्यवस्था को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है यह नया विवाद मंदिर के सामने पुजारी द्वारा प्रसाद ना देकर थोड़ी दूर पर कर्मियों द्वारा राम भक्तों को प्रसाद देने को लेकर है. इसको लेकर श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास भड़क गए हैं. वो मंदिर की व्यवस्था को लेकर ट्रस्ट के पदाधिकारियों और जिम्मेदार लोगों पर बेहद नाराज हैं. उन्होंने सवाल किया कि मंदिर में पुजारी की जगह दूर मजदूरों द्वारा प्रसाद दिया जाना कहां तक उचित है.
जानिए किस बात को लेकर ही नाराजगी
लंबे समय से श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी रहे आचार्य सत्येंद्र दास व्यवस्था को लेकर बेहद नाराज हैं. उन्होंने कहा कि समझ में नहीं आता ट्रस्ट में कितने लोग हैं और किसकी क्या जिम्मेदारी है. जो भी आता है ट्रस्टी बन जाता है. उन्होंने सीधा सवाल किया कि आखिर राम मंदिर ट्रस्ट में कौन मालिक है और किस का आदेश चलेगा. इस मामले में वो राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, सदस्य अनिल मिश्रा के साथ दो और व्यक्तियों का नाम लेते हैं. इसमें एक नाम संघ के प्रचारक रहे गोपाल राव का है जो संघ की तरफ से अब श्री राम मंदिर निर्माण के प्रभारी है और दूसरा नाम टिन्नू का है जो रामजन्मभूमि परिसर में ट्रस्ट के कर्मचारी के रूप ने काम देखता है.
ट्रस्ट को लेकर उठाए ये सवाल
महंत सत्येंद्र दास ने कहा कि पहली बात तो ये समझ में नहीं आता कि ट्रस्ट में कितने लोग हैं और कितने लोगों की क्या-क्या जिम्मेदारियां हैं. जो आता है वही ट्रस्टी बन जाता है और कहता है कि पुजारी के लिए प्रसाद बंद कर दो. इस तरह से अव्यवस्था हो गई है. यह तो मालूम पड़े कि टिन्नू मालिक है कि गोपाल जी मालिक हैं, मिश्रा जी या चंपत राय जी, कौन है उसका मालिक. भगवान के सामने से प्रसाद बंट रहा है और इतनी भीड़ भी नहीं है शांति पूर्वक सब कुछ हो रहा है और कह रहे हैं कि यहां से प्रसाद बंद कर दो और 200 गज की दूरी पर प्रसाद बांटा जा रहा है. भगवान के सामने से पुजारियों को प्रसाद बांटने से मना कर दिया गया है.
'भगवान का प्रसाद मंदिर में नहीं तो कहां मिलेगा'
महंत सतेन्द्र दास ने सवाल किया कि भगवान का प्रसाद भगवान के मंदिर में नहीं मिलेगा भगवान के सामने नहीं मिलेगा तो कहां मिलेगा? मेले में भक्तगण प्रसाद मांग रहे हैं और वहां पर मना किया जा रहा है कि यहां प्रसाद नहीं मिल रहा है अब वो लोग दुखी होकर के जा रहे हैं. उन्होंने संघ प्रचारक रहे गोपाल राव का नाम लेते हुए कहा कि उन्होंने ही मना किया है. वे ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं कि क्या है यह नहीं पता. वह जो भी आदेश करते हैं वह मान्य हो जाता है. उन्होंने कह दिया और पुजारी ने प्रसाद रोक दिया.
श्री रामलला की पूजा अर्चना और सेवा कर रहे मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास सबसे अधिक गोपाल राव पर नाराज दिखाई देते हैं. दरअसल श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद-फरोख्त मामले को लेकर जब उंगली उठी थी उसी के बाद संघ के प्रचारक रहे गोपाल राव को कामकाज देखने के लिए अयोध्या भेज दिया गया था. मंदिर में राम भक्तों को प्रसाद ना दिए जाने को लेकर आचार्य सत्येंद्र दास इतने व्यथित हैं कि कहते हैं राम मंदिर ट्रस्ट में कौन मालिक है कौन अध्यक्ष है कौन महामंत्री किस का आदेश चलेगा कुछ भी नहीं पता है. इसीलिए राम मंदिर से भक्तों को प्रसाद ना देकर 200 गज दूर प्रसाद दिया जा रहा है वह भी पुजारी के द्वारा नहीं है मजदूर के द्वारा और यही सबसे बड़ा दुख है.