Ayodhya News: रामनगरी अयोध्या (Ayodhya) को अगले साल एक बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है, जिसके बाद यहां की सरयू नदी (Saryu River) में पेट्रोल और डीजल से चलने वाली नावें बीते दिनों की बातें हो जाएंगी और 2023 की शुरुआत में इनके जगह पर सोलर ऊर्जा से संचालित होने नावे चलने लगेगी. यही नहीं इन नावों के साथ अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस सोलर क्रूज भी शुरू हो जाएंगे जिनमें अयोध्या के धार्मिक और पौराणिक स्थलों की जानकारी के साथ रामकथा का श्रवण भी कराया जाएगा.
सरयू में चलेंगी सोलर ऊर्जा से संचालित नावें
सरयू नदी में सोलर ऊर्जा से संचालित नावों के चलने से नाविकों का संचालन करना नाविकों के लिए आसान हो जाएगा. इसके साथ ही आसपास के वातावरण को भी फायदा होगा और प्रदूषण में कमी आएगी. नए वर्ष के आगमन के साथ अयोध्या की सरयू नदी में आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित सोलर क्रूज का संचालन भी शुरू हो जाएगा. सोलर क्रूज के अलग-अलग हिस्से निर्मित होकर अयोध्या लाए जाएंगे यही गुप्तार घाट के पास क्रूज को तैयार किया जाएगा. यह क्रूज आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा.
नए साल में मिलेगा सोलर क्रूज का तोहफा
सरयू में सोलर क्रूज चलाने के लिए अलकनंदा क्रूज लाइन प्राइवेट लिमिटेड मैनेजर जयंत मालवीय सिंचाई विभाग सरयू नहर खंड के अधिकारियों के साथ अयोध्या के डीएम नीतीश कुमार की बैठक भी हो चुकी है. इसके जरिए गुप्तार घाट से चौधरीचरण सिंह घाट तक सभी रामायण कालीन स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा इसी के साथ साथ पर्यटकों को रामचरित मानस राम कथा का श्रवण भी कराया जाएगा. क्रूज पर सवारी करने वाले लोगों को अयोध्या के धार्मिक और पौराणिक स्थलों की जानकारी भी दी जाएगी. इस तरह सुरक्षा सुविधा से युक्त आधुनिक सोलर क्रूज अयोध्या में पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होने वाला है.
अयोध्या के डीएम ने दी ये खास जानकारी
अयोध्या के डीएम नितीश कुमार ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हम लोग जो क्रूज चलाने की बात कर रहे हैं उसकी सीएम योगी की पहले से ही इच्छा रही है. ये सोलर क्रूज यहां की खासियत होगी. अलखनंदा क्रूज से इस बारे में बात हुई , उनका कहना है कि यहां पर कुछ स्पेशल किया जाएगा. अयोध्या को दृष्टिगत रखते हुए यहां सोलर क्रूज चलाने की बात चल रही है और निर्माण कार्य को लेकर उनकी इच्छा है कि इसे भी यहीं पर किया जाए. जल्दी ही इसे लेकर सबकुछ फाइनल हो जाएगा. अगर यहां क्रूज का निर्माण कार्य शुरू होता है तो 8 से 9 माह लग जाएंगे.
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