Azamgarh Madarsa: आजमगढ़ (Azamgarh) अल्पसंख्यक कल्याण विभाग (Minorities Welfare Department) पर एक बार फिर से दाग लग गया है. एसआईटी की जांच (SIT Investigation) में आजमगढ़ में चलने वाले 301 मदरसे (Madrasa) तय मानकों के विपरीत पाए गए हैं. ये हाल तब है जब इससे पहले की जांच में यहां 313 मान्यता प्राप्त मदरसे मानकों के विपरीत मिले थे, जिसके बाद इन्हें एक बार फिर से अपने मानक सुधारने का मौका दिया गया था, लेकिन हैरानी की बात है कि इनमें से सिर्फ 12 मदरसों ने ही सुधार किया. एसआईटी ने शासन को इस मामले में रिपोर्ट भेज दी है. 


आजमगढ़ जनपद में मदरसों को सुधार का समय देने के बावजूद 313 में से सिर्फ 12 मदरसों ने ही तय मानकों के मुताबिक सुधार किया. एसआईटी जांच में पता चला है कि 301 मदरसे अब भी मानकों के विरूद्ध चल रहे हैं. इससे पहले की जांच में कई मदरसे तो केवल कागज पर या घर के एक कमरे में चलते हुए मिले थे. जबकि कई अस्तित्व विहीन मदरसों को मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत सरकारी धन के भुगतान की भी बात सामने आई थी. फर्जी अभिलेखों के माध्यम से 180 से ज्यादा मदरसों का डाटा, विभागीय पोर्टल पर भी अपलोड किया गया था. इस मामले में तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी लालमन, प्रभात कुमार और तत्कालीन रजिस्ट्रार जावेद असलम के जांच में दोषी मिलने की बात सामने आ रही है.


एसआईटी ने शासन को भेजी रिपोर्ट
आरोप है कि अस्तित्वहीन मदरसों को मान्यता देने व वित्तीय लाभ पहुंचाया गया. आजमगढ़ के वक्फ निरीक्षक मनोज राय ने बताया कि साल 2017 में शासन ने मदरसा पोर्टल लॉन्च किया था. जिसमें सभी एडेड, आधुनिकीकरण योजना के व मान्यता प्राप्त मदरसों को अपना डाटा फीड करना था. जनपद में 700 मदरसों ने अपना डाटा फीड किया था. जिसमें जब जांच की गई तो 387 ही मानक के अनुरूप मिले. बाद में 12 अन्य ने अपने मानक में सुधार किया. SIT ने अब अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है, जिसके बाद आगे का फैसला उच्च स्तर से ही लिया जाना है.


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