Baghpat News: यूपी (UP) के बागपत (Baghpat) में कोर्ट ने अपनी गर्भवती भाभी को जिंदा जलाने के आरोप में ननद को ऐसी सजा सुनाई है कि अब वह जिंदगी भर जेल से बाहर नहीं निकलेगी. अदालत ने सबूतों के आधार पर आरोपी ननद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. साथ ही कोर्ट ने सबूतों के अभाव में चार आरोपियों को बरी भी कर दिया है. पति को पुलिस ने पहले ही क्लीन चिट दे दी थी.
दरअसल, मुजफ्फनगर के बुढ़ाना कस्बे की रहने वाली हाक्कम अली की बेटी गुलशाना का निकाह साल 2012 में बागपत के सिंघावली अहीर थाना क्षेत्र के तितरौदा गांव में शाकिर के साथ हुआ था. दहेज को लेकर शाकिर के परिवार के लोग खुश नहीं थे, जिसके चलते वह और दहेज की मांग करते थे, लेकिन गुलशाना के मायके वालों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह और दहेज उसके ससुराल पक्ष के लाेगों को दे सके. दहेज की मांग को लेकर 15 अप्रैल 2015 को गुलशाना को ससुराल में केरोसिन डालकर जिंदा जला दिया गया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी.
ससुराल वालों के खिलाफ लिखवाई गई थी ये रिपोर्ट
हाक्कम अली ने उसी दिन सिंघावली अहीर थाने में गुलशाना के पति यानी अपने दामाद शाकिर के अलावा बेटी की सास असगरी, बड़ी ननद शहनाज, ननदोई सली और छोटी ननद गुल्लो उर्फ गुलकशाह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें उन्होंने लिखवाया था कि घटना के दौरान पति और छोटे बहनोई अमजद ने गुलशाना के हाथ पकड़े, जबकि सास असगरी और बड़ी ननद शहनाज ने उसकी पिटाई कर दी. वहीं छोटी ननद गुल्लो उर्फ गुलकशाह के साथ ननदोई सलीम ने घर के अंदर धक्का देकर केरोसिन डालकर आग लगा दी.
आठ लाेगों की हुई गवाही
एडीजीसी राजीव कुमार ने बताया कि यह मामला एडीजे एफटीसी द्वितीय चंचल की अदालत में चल रहा था. मुकदमे में वादी पक्ष की ओर से आठ लाेगों की गवाही हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने और साक्ष्यों के आधार पर हत्या के आरोप में गुल्लो उर्फ गुलकशाह को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना भी तय किया, जबकि अन्य आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिया था.
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