Baghpat News: रटौल आम को मिला GI टैग, जानिए क्या है बागपत के रटौल से कनेक्शन
Baghpat News: यूपी के बागपत के रटौल से रटौल आम के उत्पादन का इतिहास जुड़ा हुआ है. रटौल आम को अब जीआई टैग मिल गया है. जिसके बाद अब यह पूरे दुनिया में मशहूर हो गया है.
UP News: बागपत के रटौल आम को जीआई टैग (जियोग्रापिकलल इंडिकेशंस) मिलने के बाद यह आम और भी ज्यादा मशहूर हो गया है. देश-दुनिया भर में रटौल के नाम से मशहूर इस आम का पाकिस्तानी कनेक्शन भी है. चूंकि देश की आजादी से पहले अनवारुल हक रटौल गांव में अपने रिश्तेदार के घर आए थे और अपने साथ अपने रटौल आम की पौध भी ले गए थे, जिन्हें उन्होंने पाकिस्तान में लगा दिया और तब से बागपत के रटौल का आम पाकिस्तान में अनवर रटौल नाम से जाना जाता है. यह बात अलग है कि पाकिस्तान रटौल आम पर अपना हक जताता रहा है लेकिन रटौल आम का असली जन्म बागपत के रटौल गांव में ही हुआ है.
रटौल आम को मिला है जीआई टैग
बागपत के रटौल आम को देश-दुनिया में जाना जाता है. यही कारण है कि इस रटौल प्रजाति के आमों का हर कोई दीवाना है. जब भी आम का मौसम आता है तो दूर-दराज से लोग इसे खाने के लिए आते हैं. राजनेता भी कई बार इस प्रजाति के आम का स्वाद चख चुके हैं. हाल ही रटौल आम को जीआई टैग मिला है. जिसके बाद से रटौल आम की महत्ता और भी बढ़ गई है. जीआई टैग मिलने के बाद आम लोग इसे अपनी मेहनत का परिणाम बता रहे हैं.
हालांकि रटौल आम पर पाकिस्तान भी अपना हक जताता रहा है लेकिन यह बता दे कि असल में रटौल आम का जन्म बागपत में ही 100 साल पहले रटौल गांव में हुआ है. लखनऊ में चार से सात जुलाई तक आम महोत्सव का आयोजन हुआ था. जिसमें विभिन्न प्रजातियों के आम महोत्सव में ले जाए गए लेकिन रटौल प्रजाति का आम पहले स्थान पर रहा है. महोत्सव में भाग लेने गए सचिन त्यागी ने बताया कि आम उत्पादन में रटौल आम को प्रथम पुरस्कार मिला है. जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया है.
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क्या कहा आम उत्पादक जुनैद फरीदी ने?
आम उत्पादक जुनैद फरीदी ने बताया कि वर्ष 1912 में रटौल गांव में इसका उत्पादन हुआ था. इसकी खुशबू और इसका डेवलप करने के लिए हमारे दादा शेख मोहम्मद आदाब फरीबी ने वर्ष 1020 में एक नर्सरी लगाई और जून वर्ष 1928 को नर्सरी का उद्घाटन किया. वर्ष 1935 में उसका पंजीकरण कराने के बाद रटौल प्रजाति को पूरे हिंदुस्तान में फैलाया गया. उस समय पाकिस्तान नहीं बना था. वर्ष 1935 और 1941 में इस आम की प्रजाति को आदाब फरीदी के रिश्तेदार अनवारुल हक पाकिस्तान ले गए थे. वहां यह प्रजाति मीरपुर खास और मुतलान समेत तीन-चार जगह पाकिस्तान में लगाई गई थी. इस तरह रटौल की प्रजाति पाकिस्तान में बंटवारे से पहले ही जा चुका था लेकिन मूल रूप से रटौल आम का जन्म बागपत के रटौल गांव में ही हुआ था.