Baghpat News: बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री सतेंद्र सिंह तुगाना (Satender Singh Tugana) ने गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी (Lakshmi Narayan Chaudhary) के सामने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि सहकारी रमाला चीनी मिल अधिकारियों के खाने का जरिया बन गया है. उन्होंने टेंडर प्रक्रिया को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि यदि यहां 50 हजार रुपए का टेंडर है तो वह भी लखनऊ से छोड़ा जाता है और 10 हजार में बागपत (Baghpat) पहुंचता है और पांच हजार बनाने वाला खा जाता है. उन्होंने कहा कि व्यवस्था निष्पक्ष होनी चाहिए. 


गन्ना विकास एवं चीनी मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी सहकारी बागपत और रमाला चीनी मिल के पेराई सत्र का शुभारंभ करने पहुंचे थे. इस दौरान रमाला चीनी मिल में किसान गन्ना संबंधी अपनी समस्यों को लेकर मंत्री को घेरकर बैठ गए. मंत्री ने भी किसानों की सभी बातों को ध्यान से सुना और उनके समाधान आश्वासन भी दिया. मंत्री ने प्रधान प्रबंधक शादाब असलम को निर्देश दिए कि नौ नवंबर तक चीनी मिल में गन्ना पेराई शुरू हो जानी चाहिए, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहे. इसके अलावा उन्होंने लगभग 43 करोड़ रुपये बकाया गन्ना भुगतान कराने के लिए 15 नवंबर तक आश्वासन दिया. 

अपनी सरकार पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री सतेंद्र सिंह तुगाना ने चीनी मिल में भरी सभा में गन्ना मंत्री के सामने कहा कि रमाला सहकारी चीनी मिल अधिकारियों के खाने का जरिया बन गई है. विस्तारीकरण के बाद चीनी मिल को चलाने में बहुत जल्दबाजी की गई, जिससे चीनी मिल को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. चीनी मिल में दोयम दर्जे का काम हो रहा है, पार्ट्स बाहर से नहीं आए. ऊपर से लेकर नीचे तक चीनी मिल अधिकारियों के खाने का जरिया बन गई है. उन्होंने कहा कि अगर यहां कोई टेंडर 50 हजार रुपये का है तो उसे भी लखनऊ से छोड़ा जाता है और वो यहां आते-आते 10 हजार रुपये का हो जाता है और इसमें से भी पांच हजार रुपये बनाने वाला खा जाता है. इस व्यवस्था में सुधार किया जाए.


आरएलडी विधायक ने भी उठाए सवाल


इस दौरान छपरौली के आरएलडी विधायक डॉ. अजय कुमार ने भी गन्ना मंत्री से सवाल दाग दिया. उन्होंने कहा कि आपने कहा था कि बकाया भुगतान किए बिना यदि कोई चीनी मिल चलती है तो उसमें ताला डाल दिया जाएगा. लेकिन अब ताला पता नहीं कहा है? विधायक ने कहा कि चीनी मिल में तीन सौ करोड़ रुपए से ज्यादा घाटा हो रहा है इसकी जांच कराई जानी चाहिए. 


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