Baghpat News: बागपत में बढ़ा यमुना नदी का जलस्तर, सैकड़ों बीघा खेतों में घुसा पानी, अलर्ट पर बाढ़ चौकियां
Baghpat News: हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए 33 लाख क्यूसेक पानी से बागपत में यमुना नदी उफान पर आ गई है. जिसकी वजह से यहां के कई गांवों में पानी घुस गया है. जागोस में तो नदी गांव से सटकर बहर रही है.
Baghpat News: यूपी के बागपत में हथिनी कुंड (Hathini Kund) बैराज से 11 अगस्त को यमुना नदी (Yamuna River) में छोड़े गए 33 लाख क्यूसेक पानी से नदी उफान पर आ गई. यहां नदी का जलस्तर इतनी बढ़ गया कि कई गांवों के खेतों में इसका पानी घुस गया. वहीं जागोस की हालत तो बेहद खराब हो गई. यहां पर नदी में कटान होने से नदी गांव से सटकर बह रही है. इस गांव में कई सौ बीघा भूमि कटान होने की संभावना है. यहां यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार गया है. प्रशासन की ओर से लोगों को यमुना नदी के किनारे नहीं आने की सलाह दी गई है वहीं बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट कर दिया गया है.
यमुना नदी का जलस्तर बढ़ा
यमुना नदी में 15 दिनों से नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है. 11 अगस्त को हथिनी कुंड बैराज से 33 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया.13 अगस्त को तड़के पानी बागपत जनपद में प्रवेश कर गया. जिसके बाद यहां की कई सौ बीघा खेती में यमुना का पानी आ गया. नदी किनारे गांवों में सिंचाई विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए बाढ़ चौकियों को सतर्क कर दिया है. सिंचाई विभाग के अधिकारी नदी किनारे गांव, कस्बे का लगातार निरीक्षण कर रहे हैं. यमुना नदी के पानी से जागोस, टांडा, सुभानपुर, कुरड़ी, छपरौली, बागपत, कोताना, काठा, पाली आदि गांव प्रभावित हो रहे हैं.
खेतों में घुसा यमुना का पानी
यमुना नदी ने सबसे ज्यादा कटान जागोस गांव में किया है. यहां कई सौ बीघा कृषि भूमि का कटान होने के बाद नदी गांव के पास बह रही है. मौके पर पहुंचे बाढ़ नियंत्रण के अवर अभियंता वीरपाल सिंह का कहना है कि यमुना का जलस्तर काफी बढ़ गया है और बागपत जनपद में 11 बाढ़ चौकियां खोली गयी हैं. जिनके ऊपर सभी सरकारी कर्मचारी तैनात हैं. हम लगातार हर गांव के संपर्क में हैं.
जागोस गांव पर मंडराया कटान का खतरा
अवर अभियंता ने जागोस गांव के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यहां यमुना का जलस्तर काफी बढ़ गया है. पानी गांव के बेहद पास पहुंच गया है. पानी की मात्रा को देखते हुए हर गांव में हमारी वॉचिंग बराबर लगी हुई है. आसपास के लोगों को यमुना के आसपास आने से मना किया गया है. यमुना में जलस्तर जब बढ़ता है तब वो कटान नहीं करती लेकिन जलस्तर जब धीरे धीरे घटता जाता है तब वो इरोजन करती है. ऐसे में देखना होगा कि ये कटान कितना आगे तक बढ़ेगा. उन्होंने आर्थिक राहत को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि इसमें जितना भी कटान हुआ है उसमें जनपद स्तर पर आपदा राहत कोष फंड से मदद हो सकती है. उसमें राजस्व विभाग के कानूनगो, लेखपाल वो सब टीम गठित होती है उसके बाद ही कार्रवाई होना संभव है.
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