Basti News: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार करते हुए भ्रष्ट सीओ का डिमोशन कर उसे सिपाही बना दिया, जिसके बाद से हड़कंप मचा हुआ है. भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों और नेताओं में इस कदर डर समा गया है कि वो खुद को एकदम पाक-साफ साबित करने में लगे हैं. ऐसा ही एक मामला बस्ती जनपद में देखने को मिला जहां बीजेपी नेता और सदर ब्लॉक प्रमुख राकेश श्रीवास्तव ने सबके सामने गंगा जल उठा कसम खाई और कहा कि उन्होंने कभी किसी से कमीशन नहीं मांगी है और न ही वो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं.
गंगाजल उठाकर बीजेपी नेता ने क्यों खाई कसम
बस्ती में बीजेपी नेता राकेश श्रीवास्तव का ये वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें वो अपने आप को ईमानदार साबित करने के लिए हाथ में गंगाजल तक उठा ले रहे हैं और कह रहे हैं कि उनसे बड़ा कोई सौ फीसदी शुद्ध और योगी सरकार को नीतियों पर खरा नेता नहीं है. राकेश श्रीवास्तव सदर के ब्लॉक प्रमुख हैं और पूर्व में प्रदेश महामंत्री भी रह चुके हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि उन्हें खुद को ईमानदार साबित करने की जरुरत आन पड़ी. इस सवाल का उन्होंने खुद ही जवाब दिया.
राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि कुछ अराजक तत्वों ने उन पर आरोप लगाए कि वो मनरेगा के कार्य में कमीशन मांगते हैं जो कि पूरी तरीके से निराधार और गलत है. कोई भी ब्लॉक का ग्राम प्रधान उन पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सकता. एक बैठक के माध्यम से लगभग 80 से अधिक प्रधानों ने उनका समर्थन किया है जबकि सदर ब्लाक में 102 ग्राम प्रधान है और उन्होंने दावा किया कि सब के स ब उनके साथ हैं कोई भी ग्राम प्रधान भ्रष्टाचार या कमीशन मांगने का आरोप उन पर नहीं लगा सकता.
जानिए उन पर किसने और क्यों लगाया आरोप
आपको बता दें मनहनडीह गांव के प्रधान प्रतिनिधि प्रशांत पांडे ने एक प्रेस नोट जारी कर आरोप लगाया है कि मनरेगा के कार्यो में ब्लॉक प्रमुख राकेश श्रीवास्तव के द्वारा कच्चा और पक्का काम देने के बदले 9% से 13% तक का कमीशन मांगा जाता है और जो यह कमीशन नहीं देता है उन्हें गांव के विकास के लिए एक भी पैसा रिलीज नहीं किया जाता. इतना ही नहीं जो भी प्रधान ब्लाक प्रमुख के इस कृत्य का विरोध करता है तो उसे जांच कराने की धमकी देकर शांत कर दिया जाता है. इसलिए अब मजबूरी में सदर ब्लाक के 40 प्रधान ब्लाक प्रमुख के आर्थिक शोषण से आजिज आकर जिलाधिकारी से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपेंगे और मांग करेंगे कि अगर उनके कार्यों की जांच हो रही है तो ब्लाक प्रमुख के कार्यों की जांच होनी चाहिए और जो भी लोगों के द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं उस पर भी कार्रवाई हो नहीं तो वे लोग प्रधानी पद से इस्तीफा दे देंगे.