Basti: नगर परिषद में बड़ा घोटाला, कर्मचारियों का PF काटा लेकिन खाते में नहीं किया जमा
Basti News: बस्ती में नगर पालिका परिषद में दो करोड़ रुपये के पीएफ घोटाले का मामला सामने आया है. पालिका में कार्यरत 200 कर्मचारियों के वेतन पीएफ कटौती कर ली गई लेकिन उसे खाते में जमा नहीं किया.
Basti News: यूपी के बस्ती में नगर पालिका परिषद (Municipal Council) में दो करोड़ रुपये से अधिक के पीएफ (भविष्य निधि) घोटाले का सनसनीखेज मामला सामने आया है. पालिका में कार्यरत 200 कर्मचारियों के वेतन से प्रति कर्मचारी करीब 10 हजार रुपए पीएफ मद में कटौती कर ली गई लेकिन उसे पीएफ खाते में जमा नहीं किया गया. जिम्मेदारों ने दस महीने के पीएफ का करीब दो करोड़ रुपए आपस में बंदरबांट कर लिया. जिसके बाद नगर पालिका में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी के एक कर्मचारी ने अब इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) में न्याय की गुहार लगाई.
पीएफ काटा लेकिन खाते में जमा नहीं किया
इस मामले पर हाईकोर्ट ने नकेल कसी तो शासन ने जांच कराई. इस मामले में प्रथम दृष्टया पिछले महीने बस्ती से बलिया ट्रांसफर हुए तत्कालीन अधिशासी अधिकारी (ईओ) जांच में दोषी पाए गए. शासन ने उन्हें निलंबित करते हुए मुख्यालय लखनऊ अटैच कर दिया. इसी मामले में 01 अगस्त 2022 को हाईकोर्ट में विस्तृत रिपोर्ट पेश करनी है. नगर पालिका परिषद बस्ती में मौजूदा समय विभिन्न पदों पर तकरीबन 200 कर्मचारी कार्यरत हैं. वेतन 35 से 60 हजार रुपए तक है. पीएफ मद में सभी के वेतन से औसतन 10 हजार रुपए तक की कटौती होती है. ऐसे में हर महीने 20 लाख रुपए की कटौती की जाती है. इस घोटाले की पोल तब खुली जब चतुर्थ श्रेणी पद पर कार्यरत अनुसेवक उदयभान सिंह ने अपने पीएफ खाते से पैसा निकालने के लिए आवेदन किया. पता चला कि दस माह से उनके वेतन से काटी गई रकम पीएफ खाते में जमा ही नहीं की गई.
पीड़ित को डराने धमकाने की कोशिश हुई
उदयभान के मुताबिक उन्होंने तत्कालीन ईओ अखिलेश कुमार त्रिपाठी से पूछताछ की तो उन्हें भगा दिया गया. काफी कोशिशों के बाद भी जब उनकी सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की. पीड़ित के मुताबिक हाईकोर्ट ने सुनवाई शुरू की तो ईओ अखिलेश कुमार त्रिपाठी ने मुकदमा उठाने के लिए उन्हें काफी डराया-धमकाया. तीन महीने की उनकी पीएफ धनराशि खाते में जमा भी कर दिया. लेकिन अन्य कर्मचारियों के पीएफ की रकम कहां गई इसका कोई जवाब किसी ने नहीं दिया.
आरटीआई से मिली ये जानकारी
पीड़ित अनुसेवक उदयभान द्वारा मांगी गई आरटीआई में नगर पालिका परिषद के जनसूचना अधिकारी/अधिशासी अधिकारी ने 01 फरवरी 2022 को दिए गए जवाब में बताया है कि नगर पालिका बस्ती का एसबीआई में पीएफ अकाउंट है. बताया है कि माह अगस्त 2020, अगस्त 2021, सितम्बर 2021, अक्टूबर 2021 का पीएफ कटौती किया गया परन्तु राज्य वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि कम होने के कारण उक्त माह के पीएफ खाते में धनराशि नहीं जा सकी है. सूत्रों के मुताबिक हकीकत ये है कि करीब दस माह का पीएफ कर्मचारियों के खाते में नहीं जमा किया गया है.
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जांच के बाद कार्रवाई
एडीएम अभय मिश्रा का कहना है कि नगर पालिका में ईपीएफ के भुगतान के पैसों का जोकि कर्मचारियों के वेतन भुगतान और पेंशन बंद में किया जाना था उस संबंध के पैसे का शासनादेश इसी क्रम का था. लेकिन कोविड के दौरान उसमें किसी प्रकार की विचरन की कार्रवाई फंड न होने के कारण कर दी गई है. ऐसी दशा में उस पर शासन स्तर से एक जांच बैठी हुई है उस जांच के आधार पर कार्रवाई हो रही है, नगर पालिका के जो अधिशासी अधिकारी है उनके खिलाफ जांच प्रस्तावित है संभवत उसके बाद कार्रवाई प्रारंभ हो जाएगी.
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