Basti High Tension Wire: उत्तर प्रदेश के बस्ती (Basti) में इन दिनों हाईटेंशन तार का काम चल रहा है, ताकि लोगों को बेहतर बिजली की सुविधा मिल सके, लेकिन असल में ये हाईटेंशन तार (High Tension Wire) यहां के बभनान कस्बे के लोगों के लिए जी का जंजाल बन गया है. लोगों का कहना है कि ये हाईटेंशन तार पहले भौखरी विद्युत उपकेंद्र से गोंडा (Gonda) जा रही हैं, हाईटेंशन तार का जब सर्वे हुआ था उसके नक्शे के मुताबिक खेत से होकर तारों को गुजरना था लेकिन विद्युत विभाग के काबिल अफसरों और इंजीनियरों की वजह से अब हाईटेंशन तार आबादी से लेकर जाया जा रहा है, जिससे यहां के लोगों की जान के लिए खतरा बन गया है. जिससे यहां के लोगों की नींद उड़ गई है. 



दरअसल बस्ती में सरकार ने जनता को भरपूर बिजली देने के लिए कप्तानगंज विधानसभा में 132 केवी का भौखरी का सबस्टेशन बनवाया. ताकि बस्ती व आसपास के जिलों को भरभूर बिजली मिल सके. इसके लिए शुरुआती दौर में विद्युत विभाग की ओर से सर्वे भी कराए गए और इसका नक्शा भी बनाया गया, लेकिन काम शुरू हुआ तो विद्युत विभाग के अफसरों और इंजीनियरों द्वारा नक्शे की बजाय मनमाने तरीके से आबादी के बीचो-बीच पोल लगाना शुरू कर दिया. जिसपर अब स्थानीय लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई है. 


स्थानीय लोगों ने लगाया गंभीर आरोप


स्थानीय लोगों का आरोप है कि विद्युत विभाग के अधिकारियों ने उनकी एक न सुनी और उनकी जान को खतरे में डालते हुए पोल लगा दिया. जिसके बाद यहां के लोगों ने शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई. असल में लोगों का कहना है कि हाई टेंशन लाइन को खेतों से होकर जाना था, लेकिन स्थानीय नेता के प्रभाव के चलते इसका रूट बदल दिया गया, जिससे अब जो पोल खेत में लगने थे, वो उनकी आबादी वाले क्षेत्र में लगने शुरू हो गए हैं. जिन्हें लेकर यहां के लोगों में डर का माहौल बना हुआ है. 


एसडीएम ने की मामले की स्थलीय जांच
लोगों की  शिकायत के बाद डीएम के निर्देश पर एसडीएम शैलेश दुबे इसकी जांच के लिए मौके पर पहुंचे, स्थलीय सत्यापन के उन्होंने पाया कि बिजली लाइन को यहां से सीधा ले जाना चाहिए था मगर उसके रूट को बदल दिया गया है. वहीं बिजली विभाग का कहना है कि दोनों रूटों में खंबों की संख्या में अंतर है, सीधे रूट में 8 पोल तो टेढ़े रूट में 9 पोल का इस्तेमाल होगा.


शिकायतकर्ता का दावा है कि विद्युत पोल को टेढ़ा ले जाने पर बिजली विभाग का कम से कम दो करोड़ का नुकसान होगा जबकि सीधा ले जाने पर सरकार का ये धन बच सकता है. फिलहाल एसडीएम ने डीएम को पूरी रिपोर्ट सौंप दी है. 


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