Basti Flood: उत्तर प्रदेश के बस्ती (Basti) जनपद में घाघरा नदी (Ghaghara River) के बढ़े जलस्तर की वजह से बीते सप्ताह बाढ़ ने जमकर तांडव किया. यहां के 70 गावों के करीब एक लाख लोग बाढ (Flood) से प्रभावित हुए, लेकिन घाघरा नदी का जलस्तर धीरे-धीरे कम होने लगा है, जिसके बाद जिन्दगी एक बार फिर से पटरी पर लौट रही है. लेकिन अब सबसे बड़ी चुनौती बाढ़ की वजह से इलाके में जगह-जगह भरा पानी और गंदगी बनी हुई है. ऐसे में प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित गांवों में 5 हजार सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. 


बाढ़ के बाद की चुनौतियां


बस्ती में घाघरा नदी का पानी भले ही उतरने लगा है पर अब भी हजारों लोगं ने बाढ़ राहत शिविर और बंधे पर शरण ली हई है. जिला प्रशासन लगातार बाढ़ पीड़ितों को खाने-पीने और दवाईयों का इंतजाम कर रहा है. बाढ़ के बाद अब जिला प्रशासन की सबसे बड़ी परीक्षा होगी, इलाके में बाढ़ से हुई गंदगी से फैलने वाली बीमारियों से निपटना. जगह जगह जल जमाव से डेंगू, मलेरिया, डायरिया जैसी बीमारियां अपना पैर पसारेंगी, ऐसे में जिला प्रशासन बाढ़ के बाद की बीमारियों से लोगों को सुरक्षित करने के इंतजाम में जुट गया है. 


जिला प्रशासन ने कसी कमर


डीएम प्रियंका निरंजन ने डॉक्टरों की टीम और पशु चिकित्सकों की टीम लगाई है जो लोगों को और पशुओं को बीमारियों से बचाएंगे. डीएम ने कहा की बाढ़ कम हो रही है. जिसके बाद बाढ़ प्रभावित गांवों में 5 हजार सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो गांव-गांव में सफाई कर रही है. ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है. आवागमन के रास्तों को सही किया जा रहा है.


बाढ़ के बाद सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की है. लोगों को पानी को उबाल कर पीने के लिए जागरुक किया जा रहा है. लोगों को क्लोरीन की गोलियां बांटी जा रही हैं ताकि इनके इस्तेमाल से जल जनित बीमारियों से बचाव हो सके. इसके अलावा लोगों और पशुओं का बीमारियों से बचाने और बीमारियां फैलने से रोकने के लिए डॉक्टरों की टीम लगाई गई है. पशु चिकित्सकों की टीम लगातार पशुओं को वैक्सीन लगा रही है. 


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