Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश (UP) बरेली (Bareilly) में करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन (Govt Land) से कब्जा (Possession) हटवाया गया है. बरेली विकास प्राधिकरण (BDA) की टीम ने 32 करोड़ रुपये कीमत की जमीन को कब्जे से मुक्त करवाया है. इस जमीन पर बीजेपी के पूर्व विधायक (Ex BJP MLA) केसर सिंह (Kesar Singh) के बेटे समेत कई बड़े बिल्डर (Builder) और सत्ता पक्ष के लोगों (Ruling Party People) का कब्जा था.
मामला उस वक्त सुर्खियों में आया जब इसकी शिकायत कमिश्नर (Commissioner) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) से की गई. कहा जा रहा है कि मामले में बीडीए अफसरों ने अपनी गर्दन फंसती देख जमीन को कब्जामुक्त करवाया.
यह है पूरा मामला
दरअसल इज्जतनगर थाना क्षेत्र के बिहारमान नगला में बीडीए की गाटा संख्या-825 के क्षेत्रफल- 7715.00 वर्ग मीटर जमीन पर सत्ता पक्ष के लोग और नामचीन बिल्डरों का कब्जा था. जमीन पर कॉलोनी काटी जा रही थी. सात जुलाई को इस मामले की शिकायत बरेली डिवीजन की कमिश्नर सेल्वा कुमारी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की गई.
शिकायत में कहा गया कि बीडीए वीसी जोगेंद्र सिंह और कई बड़े बिल्डर मिलकर सरकारी जमीन को खुर्द बुर्द कर रहे हैं. जमीन की कीमत करोड़ों में है. बीडीए वीसी की शिकायत होते ही हड़कंप मच गया और आनन फानन में बीडीए की टीम बुलडोजर लेकर पहुंच गई, जिसके बाद वहां पर जो भी निर्माण हो रहा था, उस पर बुलडोजर चला दिया गया.
वहीं, इस मामले में कुछ लोगों ने बीडीए की कार्रवाई का विरोध किया. बीजेपी के पूर्व विधायक स्वर्गीय केसर सिंह के बेटे का एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें वह कहता दिखाई दे रहा है कि ''दो चार लोग मरेंगे अब, तब सही होगा.''
बरेली के एसपी ने यह कहा
मामले को बरेली के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने जानकारी देते हुए बताया, ''सूचना मिली है कि जब बीडिए वहां काम कर रहे थें तो उस दौरान कब्जा हटाने के क्रम में कुछ लोगों द्वारा अवरोध उत्पन्न किया गया, इस सूचना पर वहां के जेई ने शिकायत भेजी है, जिसे लेकर इज्जतनगर में अभियोग पंजीकृत किया गया है.''
बीडीए के प्रेस नोट में यह कहा गया
बीडीए ने अपने जारी किए प्रेस नोट में बताया कि अतिरिक्त रिक्त घोषित भूमि का कब्जा बरेली विकास प्राधिकरण को प्राप्त हुआ था. राज्य सरकार की इस भूमि पर अवैध भू-माफियाओं द्वारा बाउंड्रीवाल और नींव आदि भरकर कब्जे का प्रयास किया जा रहा था.
इस कब्जे के विरुद्ध उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास अधिनियम-1973 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए प्राधिकरण के तहसीलदार गौतम सिंह, सहायक अभियंता अनिल कुमार, सहायक अभियंता वीपी सिंह, अवर अभियंता गण और प्रवर्तन टीम द्वारा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार की बेशकीमती भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया. बाजार में इस भूमि का मूल्य लगभग 32 करोड़ रुपये है.
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