एक्सप्लोरर

UP News: यूपी में दो जिलों के बीच अटका एक गांव विकास को तरस रहा, ग्रामीणों ने की ये मांग

Basti News: यूपी में एक गांव के ग्रामीण अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं. दरअसल यह गांव संतकबीरनगर और बस्ती के बीच होने के कारण इस गांव की जिओ टैगिंग नहीं हो पाई है.

UP News: एक तरफ जहां यूपी सरकार अपने भारी भरकम बजट के द्वारा गांव में मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाने और गांवों के कायाकल्प करने का दावा करते नहीं थकती है, तो वहीं इसी प्रदेश में एक ऐसा राजस्व गांव भी है जो यूपी सरकार के गांव के विकास को आइना भी दिखा रही है. आलम यह है कि विकास के नाम पर इस गांव मे सिर्फ और सिर्फ झोपड़ियां ही हैं. 1000 की आबादी वाले इस राजस्व गांव का नक्शा बस्ती जिले के नक्शे में भी दर्ज है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि भरवलिया टिकुईया नाम के इस राजस्व गांव का लेखा-जोखा जिले के रिकॉर्ड में है ही नहीं है. जिस वजह से ये गांव में विकास की दौड़ में पीछे रहा गया.

दरअसल बस्ती जनपद के कुदरहा ब्लाक के सभी अलग बगल के राजस्व गांव बस्ती में दर्ज हैं, लेकिन भरवलिया टिकुइया नाम का एक ऐसा राजस्व गांव है जो सरकारी उदासीनता के चलते यह गांव जियो टैग नहीं हो पाया. जिस कारण से यह गांव विकास की दौड़ में पीछे चल रहा है. जबकि गांव में बसे सैकड़ों लोग एक तरफ तो बस्ती जनपद में होने वाले निकाय चुनाव में मतदान तो बस्ती में करते हैं, लेकिन दूसरी ओर जब लोकसभा और विधान सभा चुनाव आता है तो इन्हें वोटिंग करने का अधिकार पड़ोसी जिले संतकबीरनगर से मिलता है.

जिओ टैगिंग नहीं होने से गांव का रुका विकास

ऐसे में इस राजस्व गांव के आस पास के दर्जनों गांव बस्ती जिले के रिकॉर्ड में तो दर्ज है, लेकिन जिओ टैगिंग न होने की वजह से इस राजस्व गांव का असल में कोई अस्तित्व ही नहीं है. हैरानी की एक बात और भी है कि इस गांव में लगभग 100 से ऊपर घर जनपद के रिकॉर्ड में दर्ज है, लेकिन इस गांव में रहने वाले लोगों की जनसंख्या का आंकड़ा कही भी दर्ज नहीं है. ग्रामीणों की मांग यह है कि इन सभी ग्रामीणों के राजस्व गांव को बस्ती में दर्ज किया जाए, ताकि इस राजस्व गांव का भी विकास हो सके.

संतकबीरनगर और बस्ती के बीच लटके ग्रामीण

आपको बता दें कि पहले संतकबीरनगर जिला बस्ती जिले का एक हिस्सा हुआ करता था, लेकिन 5 सितंबर 1997 को बस्ती जिले से कुछ हिस्सा अलग कर एक जिला बनाया गया. बस्ती से अलग हुए जिले का नाम संतकबीरनगर जिला रखा गया. आज भी यह राजस्व गांव संतकबीरनगर जिले की सीमा से 4 से 5 किलोमीटर दूर है और इसके आसपास के सभी गांव बस्ती जिले के मैप में दर्ज हैं. 26 वर्ष बीत जाने के बाद भी कहा जाता है कि यह राजस्व गांव संतकबीरनगर में दर्ज है लेकिन जब यहां के ग्रामीण वहां जाते हैं तो वहां से भी इनको निराशा ही हाथ लगती है. 

बस्ती की सीमा में है गांव

जानकारी के अनुसार अगर गांव में कोई घटना होती है तो इस गांव के लोग आज भी बस्ती जनपद के लालगंज थाने पर अपनी प्राथमिकी दर्ज कराते हैं. इतना ही नहीं घटना में सभी की सुनवाई बस्ती जिले के लालगंज थाने पर की जाती है, इन ग्रामीणों का जो आधार कार्ड और राशन कार्ड बनाया गया है वह बस्ती जिले में बना हुआ है, जो कि चकिया ग्राम सभा के नाम से बना है. ग्रामीणों ने अपना नाम बस्ती जिले में दर्ज कराने के लिए कई बार धरना-प्रदर्शन और शिकायत की लेकिन आज भी यहां की आबादी अधर में लटकी हुई है.

इस मामले में डीएम अंद्रा वामसी ने बताया कि कुदरहा ब्लॉक में राजस्व गांव टिकुइया के बारे में शासन स्तर से कौन सी पत्रावली पेंडिंग है इसे देखना पड़ेगा और जिले स्तर की कमेटी के माध्यम से जांच की रिपोर्ट आएगी. तब हम इस बात पर निर्णय ले सकते हैं कि यह ग्राम पंचायत में है या नहीं है. इसके साथ ही राजस्व अभिलेख की विस्तृत जांच करा कर आगे की कार्यवाही की जाएगी.

यह भी पढ़ेंः 
UP News: माफियाओं ने शराब छिपाने का निकाला नायाब तरीका, पुलिस ने किया भंडाफोड़

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Parliament Winter Session 2024 Live: 'LAC पर हालात सामान्य है', भारत-चीन संबंध पर संसद में बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर
'LAC पर हालात सामान्य है', भारत-चीन संबंध पर संसद में बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर
BJP से बातचीत के दरवाजे खुले, फडणवीस के सामने शिंदे का प्रस्ताव रखेंगे उदय सामंत
BJP से बातचीत के दरवाजे खुले, फडणवीस के सामने शिंदे का प्रस्ताव रखेंगे उदय सामंत
'सरकारी बाबुओं' की पत्नियों को क्यों बनाया जा रहा समितियों का अध्यक्ष? सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा और दिया ये बेहद अहम निर्देश
'सरकारी बाबुओं' की पत्नियों को क्यों बनाया जा रहा समितियों का अध्यक्ष? सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा और दिया ये बेहद अहम निर्देश
Shraddha Arya Twins: मां बनीं 'कुंडली भाग्य' की प्रीता, जुड़वा बच्चों को दिया जन्म
मां बनीं 'कुंडली भाग्य' की 'प्रीता', जुड़वा बच्चों को दिया जन्म
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

UP College Waqf Controversy: जानिए यूपी कॉलेज और वक्फ का पूरा विवाद, जिसे लेकर आक्रोशित हैं छात्रSambhal Masjid Case: 'यूपी में चुनाव था इसलिए संभल में हुई साजिश'- संसद में बोले Akhilesh YadavBadaun Masjid Controversy: बदायूं जामा मस्जिद विवाद की सुनवाई टली, अब इस तारीख को होगी सुनवाईParliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र पर केंद्रीय मंत्री Kiran Rijju  ने कही ये बात

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Parliament Winter Session 2024 Live: 'LAC पर हालात सामान्य है', भारत-चीन संबंध पर संसद में बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर
'LAC पर हालात सामान्य है', भारत-चीन संबंध पर संसद में बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर
BJP से बातचीत के दरवाजे खुले, फडणवीस के सामने शिंदे का प्रस्ताव रखेंगे उदय सामंत
BJP से बातचीत के दरवाजे खुले, फडणवीस के सामने शिंदे का प्रस्ताव रखेंगे उदय सामंत
'सरकारी बाबुओं' की पत्नियों को क्यों बनाया जा रहा समितियों का अध्यक्ष? सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा और दिया ये बेहद अहम निर्देश
'सरकारी बाबुओं' की पत्नियों को क्यों बनाया जा रहा समितियों का अध्यक्ष? सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा और दिया ये बेहद अहम निर्देश
Shraddha Arya Twins: मां बनीं 'कुंडली भाग्य' की प्रीता, जुड़वा बच्चों को दिया जन्म
मां बनीं 'कुंडली भाग्य' की 'प्रीता', जुड़वा बच्चों को दिया जन्म
PHOTOS: एडिलेड में कैसा है विराट कोहली का रिकॉर्ड, पिंक बॉल टेस्ट से पहले आपके लिए जान लेना बेहद जरूरी
एडिलेड में कैसा है विराट कोहली का रिकॉर्ड, पिंक बॉल टेस्ट से पहले डालें एक नजर
प्रेग्नेंसी कॉम्प्लिकेशन को बढ़ा सकता है पॉल्यूशन, दिल्ली की जहरीली हवा गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए भी खतरनाक
प्रेग्नेंसी कॉम्प्लिकेशन को बढ़ा सकता है पॉल्यूशन, गर्भ में पल रहे बच्चे को भी खतरा
Chinmoy Krishna Das Bail Plea: चिन्मय दास की जमानत पर अगली सुनवाई एक महीने बाद, कट्टरपंथियों के डर से पेश नहीं हुआ कोई वकील
चिन्मय दास की जमानत पर अगली सुनवाई एक महीने बाद, कट्टरपंथियों के डर से पेश नहीं हुआ कोई वकील
पार्किंग फीस देने में हुई पांच मिनट की देरी तो लग गया 2 लाख का जुर्माना, हैरान कर देगा मामला
पार्किंग फीस देने में हुई पांच मिनट की देरी तो लग गया 2 लाख का जुर्माना, हैरान कर देगा मामला
Embed widget