Aligarh Muslim University: अलीगढ़ के बीजेपी सांसद सतीश गौतम (Satish Gautam) ने एएमयू (AMU) में खड़े सैकड़ों लावारिस दोपहिया वाहनों की जांच की मांग की है. उन्होंने इस संबंध में एसएसपी कलानिधि नैथानी को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) में खड़े लावारिस दोपहिया वाहनों की जांच हों, शहर में होने वाले अपराध में इन वाहनों का इस्तेमाल हो सकता है. उन्होंने सवाल उठाया कि एएमयू ने इन लावारिस वाहनों को अब तक पुलिस के सुपुर्द क्यों नहीं किया है.
बीजेपी सांसद ने लिखा एसएसपी को पत्र
अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले बीजेपी सांसद सतीश गौतम द्वारा एसएसपी कलानिधि नैथानी को लिखे पत्र के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई है. पत्र में सांसद ने सवाल उठाए हैं कि एएमयू कैंपस के प्रॉक्टर ऑफिस में खड़े सैकड़ों लावारिस वाहन किसके हैं और क्यों खड़े हैं. अभी तक इन वाहनों को पुलिस के सुपुर्द क्यों नहीं किया गया. शहर में होने वाले तमाम अपराधों में भी इन वाहनों का प्रयोग हो सकता है सांसद ने कहा कि एएमयू के छात्रों का अपराधिक गतिविधियों से पुराना नाता है, कई बार छात्रों द्वारा गोलियां भी चलाई गई है, ऐसे में तमंचे और कारतूस आखिर कहां से आते हैं?
लावारिस वाहनों पर उठाए सवाल
बीजेपी सांसद ने कहा है कि जैसा कि मुझे अज्ञात सूत्रों से पता चला है कि एएमयू के प्रॉक्टर ऑफिस के प्रांगण में सैकड़ों की संख्या में दोपहिया वाहन पिछले कई सालों से खड़े हैं. इन लावारिस वाहनों की मेरे पास वीडियो फुटेज भी उपलब्ध है. ये सभी दोपहिया वाहन एएमयू प्रशासन ने क्यों खड़े कर रखे हैं. अगर इन वाहनों का कोई मालिक है तो क्यों नहीं दिए गए. एएमयू के वाहन है तो नीलाम क्यों नहीं किए गए. उन्होंने इस मामले में एसएसपी को कार्रवाई के बाद 15 दिन के भीतर खुद को अवगत कराने के लिए कहा है.
एएमयू प्रशासन ने दी ये सफाई
सांसद सतीश गौतम के पत्र के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर वसीम अली खान का बयान भी सामने आ गया है, उन्होंने कहा है कि एएमयू कैंपस के अलग-अलग इलाकों से हम लोगों को खबर मिली कि कुछ गाड़ियां खड़ी हैं, जिन गाड़ियों का कोई भी मालिक नहीं है. कुछ मामले हुए हैं लोग गाड़ियां छोड़कर भाग गए हैं. इन तमाम गाड़ियों को हमने अपनी कस्टडी में रख रखा है, इन गाड़ियों को लेकर हमने एक लेटर पुलिस को भी लिखा है, पुलिस के हिसाब से आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी.
ये भी पढ़ें- यूपी उपचुनाव में किधर जाएंगे मायावती के वोटर? सपा और BJP में किसको होगा फायदा, ये फैक्टर है अहम