एक्सप्लोरर

योगी सरकार के इस फैसले से आम की खेती करने वालों की बल्ले-बल्ले, शुरू होगा ये खास प्लांट

उत्तर प्रदेश में आम का सबसे अधिक उत्पादन होता है. उत्तर प्रदेश के आम बागवानों के लिए यूएस और यूरोपियन देशों के बाजार तक पहुंच आसान हो जाएगी.

UP News: आम की रंगीन प्रजातियों की यूएस और यूरोपियन देशों में अच्छी मांग है. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (सीआईएसएच) द्वारा पिछले कुछ वर्षों में रिलीज हुई अरुणिका और अंबिका भी रंगीन हैं. जल्दी रिलीज होने वाली अवध समृद्धि भी रंगीन है. अवध मधुरिमा जो रिलीज होने की पाइप लाइन में है, वह भी रंगीन है. ऐसे में इनके निर्यात की संभावना बढ़ जाती है. योगी सरकार की मंशा सिर्फ आम के उत्पादन में ही नहीं निर्यात में भी उत्तर प्रदेश को नंबर वन बनाने की है.

यूएस और यूरोपियन देशों के निर्यात मानकों को पूरा करने के लिए सरकार जेवर एयरपोर्ट के पास रेडिएशन ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करेगी. अभी तक उत्तर भारत में कहीं भी इस तरह का ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है. इस तरह के ट्रीटमेंट प्लांट सिर्फ मुंबई और बेंगलुरु में है. इन्हीं दो जगहों के आम की प्रजातियों (अलफांसो, बॉम्बे ग्रीन, तोतापारी, बैगनफली) की निर्यात में सर्वाधिक हिस्सेदारी भी है. ट्रीटमेंट प्लांट न होने से संबंधित देशों के निर्यात मानक के अनुसार ट्रीटमेंट के लिए इनको मुंबई या बेंगलुरु भेजिए. ट्रीटमेंट के बाद फिर निर्यात कीजिए. इसमें समय और संसाधन की बर्बादी होती है. साथ ही सेल्फ लाइन कम होने से गुणवत्ता भी खतरे में रहती है. इसीलिए योगी सरकार पीपीपी मॉडल पर जेवर इंटर नेशनल एयरपोर्ट के पास रेडिएशन ट्रीटमेंट प्लांट लगाने जा रही है. रेडिएशन ट्रीटमेंट तकनीक में निर्यात किए जाने वाले फल, सब्जी,अनाज को रेडिएशन से गुजरा जाता है. इससे उनमें मौजूदा कीटाणु मर जाते हैं और ट्रीटेड उत्पाद की सेल्फ लाइफ भी बढ़ जाती है.

यूपी सरकार के इस कदम से नाराज इलाहाबाद हाईकोर्ट, चीफ सेक्रेटरी से मांगा जवाब

प्लांट चालू होने पर यूपी के आम के लिए यूएस और यूरोप के बाजार तक पहुंच होगी आसान

ट्रीटमेंट प्लांट चालू होने पर उत्तर प्रदेश के आम बागवानों के लिए यूएस और यूरोपियन देशों के बाजार तक पहुंच आसान हो जाएगी. चूंकि उत्तर प्रदेश में आम का सबसे अधिक उत्पादन होता है, इसलिए निर्यात की किसी भी नए अवसर का सर्वाधिक लाभ भी यहीं के बागवानों को मिलेगा. 

उपज और गुणवता बढ़ाने के लिए पुराने बागों के कैनोपी प्रबंधन के बारे शासनादेश जारी कर चुकी है योगी सरकार

पुराने बागों की उपज और गुणवत्ता सुधारने के लिए आम के कैनोपी प्रबंधन की जरूरत होती है. इस काम में गतिरोध दूर करने के लिए योगी सरकार शासनादेश भी जारी कर चुकी है. वैज्ञानिक लगातार बागवानों को पुराने बागों की इस विधा से प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित भी कर रहे हैं. कुछ समय बाद आम की उपज और गुणवत्ता पर इसका असर दिखेगा. 

आम के निर्यात की संभावनाएं
आम के निर्यात की अपार संभावनाएं हैं. खासकर अमेरिका और यूरोपीय देशों में. पिछले दिनों सीआईएसएच रहमानखेड़ा (लखनऊ) में आम पर आयोजित राष्ट्रीय गोष्ठी में इजरायल के वैज्ञानिक युवान कोहेन ने कहा भी था कि भारत को यूरोपीय बाजार की पसंद के अनुसार आम का उत्पादन करना चाहिए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी हरदम किसानों से कृषि विविधिकरण और बाजार की मांग के अनुसार फसल लेने पर जोर देते हैं. हालांकि आम के उत्पादन में भारत में भारत नंबर एक है. देश के उत्पादन में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी एक तिहाई से अधिक है.

उत्पादन में नंबर एक, निर्यात में फिसड्डी
पर जब बात आम के निर्यात की आती है तो भारत फिसड्डी देशों में शामिल है.आम के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी मात्र 0.52 फीसद है. आम के प्रमुख निर्यातक देश हैं, थाईलैंड, मैक्सिको, ब्राजील, वियतनाम और पाकिस्तान आदि. इनके निर्यात का फीसद क्रम से 24, 18, 11, 5 और 4.57 है. ऐसे में वैश्विक बाजार में भारत के आम के निर्यात की अपार संभावना है.

चौसा और लंगड़ा की यूएस और यूरोपियन बाजार में ठीक ठाक मांग

पिछले साल इनोवा फूड के एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषि उत्पादन आयुक्त देवेश चतुर्वेदी से मुलाकात की थी. निर्यात के बाबत बात चली तो उन लोगों ने बताया कि यूएस और यूरोपियन बाजार में चौसा और लगड़ा की ठीक ठाक मांग है. उनके निर्यात के मानकों को पूरा किया जाय तो उत्तर प्रदेश के  लिए यह संभावनाओं वाला बाजार हो सकता है. मालूम हो कि ये दोनों प्रजातियां उत्तर प्रदेश में ही पैदा होती हैं. जरूरत सिर्फ बाजार की मांग के अनुसार आम के उत्पादन और संबंधित देशों के निर्यात मानकों को पूरा करने की है. इसके लिए योगी सरकार संभव प्रयास भी कर रही है.

रंगीन आम सिर्फ आकर्षक ही नहीं पोषक तत्वों से भी भरपूर होते हैं
आम की लाल रंग की प्रजातियां सिर्फ देखने में ही आकर्षक नहीं होती. स्वास के लिहाज से भी ये बेहतर हैं. आम या किसी भी फल के लाल रंग के लिए एंथोसायनिन जिम्मेदार होता है. इससे इसकी पौष्टिकता बढ़ जाती है. अब तक के शोध बताते हैं एंथोसायनिन मोटापे और मधुमेह की रोकथाम में सहायक हो सकता है. यह संज्ञानात्मक और मोटर फ़ंक्शन को मॉड्यूलेट करने, याददाश्त बढ़ाने और तंत्रिका कार्य में उम्र से संबंधित गिरावट को रोकने में भी मददगार हैं. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट भी सेहत के लिए जरूरी है. इसमें एंटीइंफ्लेमेट्री गुण भी पाए जाते हैं. साथ ही आम में मिलने वाले अतिरिक्त पोषक तत्व भी.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Weather Forecast: यूपी-दिल्ली, बिहार-हरियाणा और राजस्थान में बारिश, जानें फरवरी के पहले हफ्ते का कैसा रहेगा मौसम
यूपी-दिल्ली, बिहार-हरियाणा और राजस्थान में बारिश, जानें फरवरी के पहले हफ्ते का कैसा रहेगा मौसम
दिल्ली के कई इलाकों में घना कोहरा, विजिबिलिटी 50 मीटर से भी कम, जल्द होगी बारिश
दिल्ली के कई इलाकों में घना कोहरा, विजिबिलिटी 50 मीटर से भी कम, जल्द होगी बारिश
अमेरिका ने आज से कनाडा और मेक्सिको पर 25% तो चीन पर इतने प्रतिशत टैरिफ लगाया
अमेरिका ने आज से कनाडा और मेक्सिको पर 25% तो चीन पर इतने प्रतिशत टैरिफ लगाया
ज्यादा से ज्यादा कहां तक जाता है हाई ब्लड प्रेशर? जानें कब फट सकती है दिमाग की नस
ज्यादा से ज्यादा कहां तक जाता है हाई ब्लड प्रेशर? जानें कब फट सकती है दिमाग की नस
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Union Budget 2025 : आज पेश होगा देश का बजट, टैक्स पर मिलेगी बड़ी छूट?Breaking News : आज सुबह 11 बजे संसद में पेश होगा देश का बजट | Budget 20257 दिनों में ममता की महामंडलेश्वर की पदवी खत्मJanhit with Chitra Tripathi: महाकुंभ में मची भगदड़ के कसूरवार कौन? | Mahakumbh Stampede | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Weather Forecast: यूपी-दिल्ली, बिहार-हरियाणा और राजस्थान में बारिश, जानें फरवरी के पहले हफ्ते का कैसा रहेगा मौसम
यूपी-दिल्ली, बिहार-हरियाणा और राजस्थान में बारिश, जानें फरवरी के पहले हफ्ते का कैसा रहेगा मौसम
दिल्ली के कई इलाकों में घना कोहरा, विजिबिलिटी 50 मीटर से भी कम, जल्द होगी बारिश
दिल्ली के कई इलाकों में घना कोहरा, विजिबिलिटी 50 मीटर से भी कम, जल्द होगी बारिश
अमेरिका ने आज से कनाडा और मेक्सिको पर 25% तो चीन पर इतने प्रतिशत टैरिफ लगाया
अमेरिका ने आज से कनाडा और मेक्सिको पर 25% तो चीन पर इतने प्रतिशत टैरिफ लगाया
ज्यादा से ज्यादा कहां तक जाता है हाई ब्लड प्रेशर? जानें कब फट सकती है दिमाग की नस
ज्यादा से ज्यादा कहां तक जाता है हाई ब्लड प्रेशर? जानें कब फट सकती है दिमाग की नस
राजस्थान के बाद किस राज्य में मिलता है लाखों रुपये का मुफ्त इलाज, जान लीजिए नाम
राजस्थान के बाद किस राज्य में मिलता है लाखों रुपये का मुफ्त इलाज, जान लीजिए नाम
फलों पर लगे स्टीकर का क्या मतलब होता है? इस बार खरीदने से पहले जान लें ये जरूरी बात 
फलों पर लगे स्टीकर का क्या मतलब होता है? इस बार खरीदने से पहले जान लें ये जरूरी बात 
Union Budget 2025: किस वित्त मंत्री को बजट पेश करने का मौका ही नहीं मिला था, क्या था इसके पीछे का कारण
किस वित्त मंत्री को बजट पेश करने का मौका ही नहीं मिला था, क्या था इसके पीछे का कारण
अरविंद केजरीवाल ने लॉन्च किया 'बचत पत्र' कैंपेन, गिनाए AAP से हर परिवार को होने वाले फायदे
अरविंद केजरीवाल ने लॉन्च किया 'बचत पत्र' कैंपेन, गिनाए AAP से हर परिवार को होने वाले फायदे
Embed widget