UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने विधान परिषद चुनाव में आदिवासी महिला उम्मीदवार को उतारकर जो दांव चला था वह उल्टा पड़ गया है. कीर्ति कोल (Kirit Kol) का नामांकन खारिज हो गया है, कीर्ति कोल का नामांकन रद्द होने की जो वजह सामने आई है उसके मुताबिक कीर्ति की उम्र उतनी नहीं थी जितनी विधान परिषद का चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम उम्र होनी चाहिए. ऐसे में सवाल समाजवादी पार्टी इलेक्शन मैनेजर्स पर उठ रहा है वहीं बीजेपी (BJP) ने भी इसे लेकर सपा पर निशाना साधा है.
ब्रजेश पाठक का सपा पर जोरदार निशाना
यूपी के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक का साफ तौर पर कहना है कि समाजवादी पार्टी अपने चरित्र और चेहरे को बदल नहीं पा रही है जिस प्रकार सपा सत्ता में रही है उसी ढंग से आज भी काम कर रही है .पाठक ने कहा कि उन्होंने सदन में कहा था जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है कुछ ऐसी स्थिति सपा की है. वह साफ तौर पर कह रहे हैं कि सपा को पहले से ही पता था कि उनकी उम्मीदवार जीत नहीं पाएंगी, लेकिन उसके बावजूद एक आदिवासी बहन को मानसिक रूप से प्रताड़ना पहुंचाने का काम किया. यही नहीं नामांकन पत्र भरते समय भी सतर्कता नहीं बरती उसमें इतनी बड़ी त्रुटि कर दी.
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सपा को संविधान तक की जानकारी नहीं
डिप्टी सीएम ने कहा कि सपा डूबता हुआ जहाज है और अपने कर्मों के चलते ही पार्टी की आज ये स्थिति हुई है. वहीं बीजेपी की विधान परिषद की उम्मीदवार निर्मला पासवान ने भी सपा पर हमला बोला और कहा कि सपा को संविधान की जानकारी नहीं है, इसीलिए उनके उम्मीदवार का पर्चा खारिज हुआ है. इसके साथ ही महिला उम्मीदवार का नामांकन पत्र जानकारी ना होने की वजह से खारिज होने पर उन्होंने दुख भी जाहिर किया.
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