UP News: इलाहाबाद हाई कोर्ट में पेश हुआ माफिया बृजेश सिंह, जजों ने सुनवाई से खुद को किया अलग
Brijesh Singh News: पूर्वांचल के माफिया के तौर पर बदनाम पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह की बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेशी हुई. अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी.
Chandauli Massacre: पूर्वांचल के माफिया डॉन के तौर पर बदनाम पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह की आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेशी हुई. हालांकि बृजेश सिंह जिस मुकदमे में हाईकोर्ट में पेश हुआ, उसकी सुनवाई आज नहीं हो सकी. मामले की सुनवाई कर रही हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने इस मुकदमे को सुनने से मना कर दिया और मामले को चीफ जस्टिस के पास रेफर कर दिया. चीफ जस्टिस राजेश बिंदल अब इस मामले में सुनवाई के लिए कोई नई बेंच नॉमिनेट करेंगे. मामले में अगली सुनवाई 23 सितंबर को होने की उम्मीद है.
36 साल पहले हुए सामूहिक नरसंहार से जुड़े मामले में होना था पेश
माफिया बृजेश सिंह को आज दोपहर को चंदौली जिले में 36 साल पहले हुए सामूहिक नरसंहार से जुड़े मामले में कोर्ट में पेश होना था. हालांकि बृजेश सिंह अदालत का कामकाज शुरू होने से पहले ही कोर्ट में आ गया था. बृजेश सिंह तीन स्कॉर्पियो गाड़ी के काफिले के साथ सुबह करीब 9:30 बजे हाईकोर्ट पहुंच गया था. बृजेश सिंह अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ गेट नंबर 3 बी से कोर्ट में दाखिल हुआ और अपने वकील के चेंबर में जाकर बैठ गया. दोपहर को मुकदमे की सुनवाई के वक्त वह कोर्ट रूम में पहुंचा.
इस दौरान कोर्ट रूम में खासी गहमागहमी देखने को मिली. मामले की सुनवाई कर रही बेंच ने इस मुकदमे की पैरवी को लेकर गहरी नाराजगी जताई और आरोपी बृजेश सिंह व उसके वकील को फटकार लगाई.
अदालत के रूख से कोर्ट रूम में सन्नाटा फैल गया. हालांकि कोर्ट ने आगे सख्त रुख दिखाने के बजाय खुद को सुनवाई से अलग करने का ऐलान किया. जस्टिस केजे ठाकर और जस्टिस नलिन कुमार श्रीवास्तव की बेंच ने कहा कि वह इस मुकदमे की सुनवाई से खुद को अलग कर रहे हैं और इस मामले को अब नहीं सुनेंगे. मामले को चीफ जस्टिस के पास रेफर कर रहे हैं. सुनवाई कर रहे दोनों जजों ने बृजेश सिंह से कोई सवाल जवाब नहीं किया. सुनवाई स्थगित होने के बाद बृजेश सिंह अपने समर्थक वकीलों के साथ हाईकोर्ट से बाहर आ गया और अपनी कार पर बैठकर वाराणसी के लिए वापस रवाना हो गया.
बृजेश सिंह की मौजूदगी के दौरान कोर्ट परिसर में खासी गहमागहमी रही. पूरा कोर्टरूम खचाखच भरा हुआ था. कोर्ट रूम की हालत और उससे पहले की गतिविधियों को लेकर जज ने तल्ख टिप्पणी की. हालांकि अब देखना यह होगा कि अदालत के लिखित आदेश में आखिरकार क्या कुछ बातें लिखी होती है.
जानें क्या है पूरा मामला?
यह पूरा मामला 36 साल पहले चंदौली जिले में हुए सामूहिक नरसंहार से जुड़ा हुआ है. सिकरौरा गांव में तत्कालीन ग्राम प्रधान रामचंद्र यादव, उसके दो सगे भाइयों और चार नाबालिग बच्चों समेत कुल 7 लोगों को बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था. ग्राम प्रधान व उसके भाइयों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी.
इस सामूहिक हत्या का आरोप बृजेश सिंह व उसके साथ के 12 अन्य लोगों पर लगा था. ट्रायल कोर्ट ने लंबे समय तक चली सुनवाई के बाद सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. हालांकि घटना के बाद पुलिस ने बृजेश सिंह को घटनास्थल से कुछ दूर पर वारदात में शामिल हथियार के साथ घायल अवस्था में गिरफ्तार किए जाने का दावा किया था.
ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील की गई, लेकिन वहां भी सभी आरोपी बरी हो गए. मृतक ग्राम प्रधान रामचंद्र की विधवा हीरावती ने सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्पेशल अपील दाखिल की. तकरीबन 4 सालों तक चली सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 2 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान आरोपी बृजेश सिंह को तलब कर लिया और आज यानी 14 सितंबर को कोर्ट में पेश होकर अपना बयान दर्ज कराने को कहा. हाईकोर्ट के इसी आदेश की कड़ी में बृजेश सिंह आज हाईकोर्ट में पेश हुआ था. हालांकि बृजेश सिंह की पेशी नाटकीय अंदाज में हुई थी. इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे.
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