आकाश आनंद ने मोदी सरकार के बजट को बताया 'हाथ की सफाई', बेरोजगारी और महंगाई पर उठाए सवाल
Union Budget 2025: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लगातार 8वीं बार बजट पेश किया है. इसको लेकर लोगों से मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. अब BSP नेता आकाश आनंद का बड़ा बयान सामने आया है.

Uttar Pradesh News Today: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज शनिवार (1 फरवरी) को लगातार अपना 8वां बजट पेश किया. देश के आमो खास समेत हर वर्ग की निगाहें बजट पर टिकी थीं, इसमें उन्होंने कई अहम योजनाओं की घोषणा की.
सियासी दलों के साथ अन्य लोगों ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के दूसरे बजट पर मिली जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की. इस बीच बहुजन समाज पार्टी के नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मोदी सरकार पर जमकर जुबानी हमला बोला है.
Yesterday’s Economic Survey revealed that the GDP growth rate for 2025-26 is projected to be the lowest in four years.
— Akash Anand (@AnandAkash_BSP) February 1, 2025
Today, the budget delivered nothing but an empty gimmick on income tax, while completely ignoring the real issues of unemployment and inflation.
This budget is…
'बेरोजगारी- मंहगाई पर नहीं हुई बात'
बीएसपी नेता आकाश आनंद ने सोशल मीडिया पर पोस्ट अपने एक संदेश एक्स पर लिखा, "कल आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि 2025-26 में विकास दर चार साल में सबसे कम होगी." उन्होंने आगे लिखा, "आज बजट में इनकम टैक्स का जुमला सुनाई पड़ा, लेकिन बेरोजगारी और मंहगाई कैसे कम होगी इसके बारे में कुछ नहीं है."
बजट सरकार के हाथ की सफाई
टैक्स स्लैब में कमी करने के ऐलान पर निशाना साधते हुए आकाश आनंद ने कहा, "आज का बजट सरकार के हाथ की सफाई है. जीएसटी संग्रह में कमी की भरपाई के लिए बहुत ही चालाकी से आम जनता को खर्च करने का "इंकम टैक्स की राहत" के जुमले को फैलाया जा रहा है. जिससे लोग खर्च करें और सरकार फायदे में रहे."
उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, "सबको पता है कि सरकार का जीएसटी संग्रह का 75 फीसदी आम जनता के जरिये अपनी रोजमर्रा की जरूरतों पर किए जाने वाले खर्च का हिस्सा है. उस पर कोई राहत नहीं दी गई है."
पंजीकृत कामगारों पर बड़ा दावा
के नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद ने दावा किया कि "भारत सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत 27.69 करोड़ कामगारों में से 94 फीसदी से अधिक की मासिक आय 10 हजार रुपये या उससे कम है."
उन्होंने सवाल करते हुए आगे लिखा, "इन पंजीकृत कामगारों में से 74 फीसदी अनुसूचित जाति- जनजाति और पिछड़े वर्ग से हैं. बताइये दलित, शोषित, वंचितों, सर्वसमाज के गरीबों के लिए इस बजट में क्या है?"
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