Ram Mandir Ayodhya: रामलला का मंदिर निर्माण शुरू हो चुका है राम मंदिर विवाद पर फैसला आया और संतों की मांग थी कि विश्व का सबसे अच्छा और ऊंचा मंदिर हो लिहाजा मंदिर का जो मॉडल 1990 के दशक से तय था उस मॉडल में थोड़ा सा बदलाव हुआ और मंदिर का शिखर 5 शिखर वाला होगा. साथ ही मंदिर निर्माण में भव्यता लाने के लिए मंदिर का जो मूल मॉडल था उसमें बदलाव किया गया पहले राम मन्दिर मात्र 3 शिखर का था जो संतों की मांग के बाद 5 शिखर कर दिया गया.
जमीन से इसकी ऊंचाई लगभग 161 मीटर होगी अब मंदिर के मॉडल में जो बदलाव हुआ था उसके लिए पत्थरों की तरासी की जानी थी पूर्व मॉडल के प्रथम तल के पत्थर राम जन्म भूमि की न्यास कार्यशाला में तराश कर रखे जा चुके थे ऐसे में ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण में कोई देर ना हो इसलिए राजस्थान के जयपुर के बंसी पहाड़पुर इलाके में ही खदानों के आसपास रह रहे कारीगरों को ड्राइंग देकर के पत्थरों की तराशी कराना शुरू कर दिया.
जिसके लिए 3 कार्यशाला राजस्थान में ही संचालित है अब उन कार्यशाला से तराशे गए पत्थर अयोध्या आना शुरू हो गए हैं एक ट्रक में 5 पत्थर को सुरक्षित रखते हुए भेजे जा रहे हैं लगभग 200 पत्थरों की खेप रामलला के परिसर तक पहुंच चुके हैं इन पत्थरों को निर्माण कार्य के आसपास ही सुव्यवस्थित ढंग से रखा जा रहा है उनकी आवश्यकता अनुसार निर्माण में उपयोग किया जाएगा.
पत्थर आपूर्ति की बाधा खत्म
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि बंसी पहाड़पुर में मंदिर निर्माण में लगने वाले पत्थर की आपूर्ति की बाधा खत्म कर दी गई है बंसी पहाड़पुर की सभी बाधाएं समाप्त हो गई है. इसके लिए भारत सरकार राजस्थान सरकार में आपसी वार्ता हुई जिसके बाद हर तरह का अवरोध समाप्त हुआ है पत्थरों की पहली खेप अयोध्या पहुंच चुकी है एक ट्रक में पांच से छ पत्थर सुरक्षित ढंग से लाए जा रहे हैं.
तेजी से चल रहा राम मंदिर निर्माण कार्य
भगवान राम लला का मंदिर निर्माण तेजी के साथ चल रहा है आज श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्विटर अकाउंट से राम जन्मभूमि गर्भगृह स्थल की प्लिंथ निर्माण की तस्वीर जारी करके प्लिन्त का निर्माण पूरा होने की तरफ संदेश दिया गया है प्लिंथ(चबूतरा)निर्माण मात्र 10 से 15 प्रतिशत पूरा हो पाया है ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार जुलाई माह तक प्लिंथ निर्माण का काम चलेगा और उसके बाद तराश कर रखे गए पत्थरों से मंदिर निर्माण शुरू किया जाएगा तराशी के पत्थरों में मुख्य कार्यशाला श्री राम जन्मभूमि न्यास कार्यशाला तथा राजस्थान के सिरोही जनपद में ट्रस्ट की कार्यशाला से नक्काशी युक्त पत्थर राम जन्मभूमि परिसर पहुंच रहे हैं.
बताते चलें कि विराजमान रामलला के गर्भ गृह का निर्माण जुलाई आखिरी सप्ताह या अगस्त प्रथम सप्ताह से शुरू हो जाएगा जो दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य ट्रस्ट ने रखा है मंदिर निर्माण की प्रक्रिया तय समय सीमा के अंदर हो इस लिहाज से ट्रस्ट ने कार्यदाई संस्था के साथ मिलकर के तेजी से काम कर रहा है राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति की बैठक प्रत्येक माह में ट्रस्ट के सदस्यो और कार्यदायी संस्था के साथ की जा रही है रामलला के प्लिंथ निर्माण के बाद मंदिर निर्माण मे पत्थर लगाने शुरू हो जाएंगे बुनियाद से प्लिंथ(चबूतरा)की ऊंचाई लगभग साढ़े 6 मीटर रहेगी और उसके बाद रामलला का मंदिर तैयार किया जाएगा जो 161 मीटर ऊंचा होगा 2023 दिसंबर राम मंदिर में विराजमान होंगे और वहीं पर राम भक्तों को दर्शन देंगे.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि प्लिंथ निर्माण का काम अभी मात्र शुरू हुआ है अभी मात्र प्लिंथ का 10 से 15% काम ही पूरा हो पाया है प्लिंथ निर्माण की प्रक्रिया जुलाई माह तक पूरी होने की संभावना है उसके बाद रामलला के मंदिर के लिए पत्थर लगने शुरू होंगे तराशे गए पत्थरों को भी अब राम जन्मभूमि परिसर में सुरक्षित ढंग से रखा जा रहा है जिसमें राम जन्मभूमि कार्यशाला से पत्थरों को तो लाया ही जा रहा है साथ ही राजस्थान के सिरोही जनपद में ट्रस्ट की कार्यशाला से नक्काशी युक्त पत्थरों का आना प्रारंभ हो गया है.
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