Chitrakoot News: चित्रकूट में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी 'खेत तालाब योजना', करोड़ों का बंदरबांट, सिर्फ कागजों में हुआ निर्माण
Chitrakoot News: वित्तीय वर्ष 2021-22 में दर्जनों किसानों को खेत तालाब योजना के तहत तालाब बनाने के लिए धनराशि आवंटित हुई थी लेकिन किसी भी किसान ने हकीकत में तालाब नहीं बनवाए हैं.
Chitrakoot News: कभी डकैतों की लूट का शिकार रहे चित्रकूट (Chitrakoot) को आज सिस्टम लूट रहा है. चित्रकूट के भूमि संरक्षण विभाग का एक बड़ा घोटाला सामने आया है जिसमें सरकार द्वारा किसानों को खेत में तालाब बनाने के लिए सरकारी धनराशि का आवंटन किया गया था. यूपी सरकार ने भूगर्भ के जलस्तर को सुधारने के लिए खेत तालाब योजना (Khet Talab Scheme) चलाई थी लेकिन चित्रकूट जनपद के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है आलम यह है कि खेत तालाब योजना के तहत खेतों में बनाए जाने वाले तालाब जमीन पर नहीं बल्कि कागजों पर नजर आ रहे हैं.
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी खेत तालाब योजना
चित्रकूट की मानिकपुर तहसील के कई गांव में जहां भूमि संरक्षण विभाग की मिलीभगत से खेतों में तालाब न बना करके किसानों से सांठगांठ कर करोड़ों रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया. मानिकपुर तहसील में आने वाले देवकली, बगरेही और पकारो गांव सहित दर्जनों गांव में यह भ्रष्टाचार देखने को मिला है जहां भूगर्भ का जलस्तर बढ़ाने के लिए शासन द्वारा खेत तालाब योजना के तहत लाखों रुपए दिए गए थे, लेकिन भूमि संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने अपने दलालों के माध्यम से किसानों से सांठगांठ कर इन तालाबों को जमीन पर नहीं बनाया गया है, जबकि इसकी धनराशि को निकाल लिया.
कागजों पर ही दिखाई दे रहे हैं तालाब
इसकी जमीनी हकीकत जानने के लिए जब एबीपी गंगा टीम ने देवकली, बगरेही और पकारो गांव पहुंची जहां इस वित्तीय वर्ष 2021-22 में दर्जनों किसानों को खेत तालाब योजना के तहत तालाब बनाने के लिए धनराशि आवंटित हुई थी लेकिन किसी भी किसान ने हकीकत में तालाब नहीं बनवाए हैं. किसी ने पिछले वित्तीय वर्ष के तालाब को नया तालाब दिखा दिया तो किसी ने अभी तक एक भी तालाब की खुदाई नहीं कराई है लेकिन आवंटित हुई धनराशि पूरी निकालकर खर्च की जा चुकी है. ऐसे में तालाब लापता हो गए हैं जबकि सरकारी कागजों पर तालाब ही तालाब नजर आ रहे हैं. वहीं जब हमने हकीकत जानने के लिए कुछ किसानों से बात की तो नाम को छुपाने की बात कहते हुए दबी जुबां में ज़मीनी हकीकत को बयान किया.
भूमि संरक्षण विभाग की यह कारगुजारी से शासन की खेत तालाब योजना को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया. पूरे तहसील में ऐसे कई किसान है जिनको खेत तालाब योजना के तहत तालाब बनाने के लिए धनराशि आवंटित की गई है लेकिन तालाब नहीं बने हैं ऐसे में करोड़ों रुपयों का बड़ा घोटाला सामने नजर आ रहा है.
वहीं इस बाबत जब हमने मुख्य विकास अधिकारी अमितापाल कौर से बात की तो वो भी धड़ल्ले से खेत तालाब योजना के तहत आवंटित तालाब वाले लाभार्थियों का आंकड़ा बताने लगीं. जब हमने कुछ गांव पर जमीन पर तालाब नजर ना आने की बात पूछी तो उन्होंने मामले का संज्ञान में लेते हुए जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कही है.
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