यूपी में भी होगा राजधानी क्षेत्र, लखनऊ समेत सात जिलों को मिलाकर बनेगा SCR, सीएम ने बनाया ये खास प्लान
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी NCR की तर्ज पर अब यूपी में SCR बनाए जाएंगे. सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को यह आदेश दिया है कि इसका प्रस्ताव तैयार किया जाए.
UPSCR Plan: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि एनसीआर के तर्ज पर लखनऊ के आसपास के क्षेत्रों का भी विकास किया जाएगा. इन क्षेत्रों को 'उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र' (SCR) के क्षेत्र में विकसित किया जाएगा. यूपी राज्य राजधानी क्षेत्र में उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, कानपुर नगर और कानपुर देहात को शामिल किया जा सकता है.
सीएम ने दिया निर्देश
दरअसल, सीएम ने कहा कि सतत-समन्वित प्रयासों से राजधानी लखनऊ आज मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में अत्याधुनिक नगरीय सुविधाओं से लैस हो रही है. विभिन्न नगरों से लोग यहां आकर अपना स्थायी निवास बनाना चाहते हैं. आस-पास के जिलों में भी जनसंख्या का दवाब बढ़ रहा है और कई बार अनियोजित विकास की शिकायतें भी मिलती हैं. ऐसे में भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की तर्ज पर 'उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र' (SCR) का गठन किया जाना चाहिए. इस राज्य राजधानी क्षेत्र में लखनऊ के साथ-साथ उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, कानपुर नगर और कानपुर देहात को शामिल किया जा सकता है. सभी आयामों पर अध्ययन और विमर्श करते हुए यथाशीघ्र विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए.
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'पांच वर्षों में हुआ है अभूतपूर्व विस्तार'
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने आवास पर विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिया. सीएम ने आदेश दिया कि लखनऊ और इसके आसपास के जिलों को शामिल करने का प्रस्ताव दिया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से विगत 05 वर्ष में उत्तर प्रदेश में विश्व स्तरीय नगरीय अवस्थापना सुविधाओं में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है. आरआरटीएस और मेट्रो जैसी अत्याधुनिक नगरीय परिवहन हो या शुद्ध पेयजल, इंटीग्रेटेड टाउनशिप का विकास, एक्सप्रेस-वे की रफ्तार हो या कि कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था हर क्षेत्र में तकनीक की मदद से आम शहरवासी को 'ईज ऑफ लिविंग' का अनुभव हो रहा है.
50 वर्षों की स्थिति को ध्यान में रखकर बनाएं प्लान- CM
सीएम ने अधिकारियों से कहा कि विकास परियोजनाओं का निर्धारण करते समय आगामी 50 वर्षों की स्थिति को ध्यान में रखें. मास्टर प्लान में सुनियोजित विकास का पूरा खाका होना चाहिए. हर विकास प्राधिकरण, नगरीय निकाय में टाउन प्लानर की तैनाती की जाए. प्राधिकरणों को अपनी परियोजनाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन भी खुद ही करने पर गंभीरता से विचार करना होगा.
इसके साथ ही सीएम ने नए शहर बसाने पर कहा कि नए शहर बसाने हों या कोई अन्य ग्रीन फील्ड परियोजना बनानी हो इनकी प्लानिंग ऐसी हो कि यहां कॉमर्शियल गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके. इससे प्राधिकरण को आय होगी, जो संबंधित परियोजना में उपयोग हो सकेगी.
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