UP Politics: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, शुक्रवार 21 मार्च को अयोध्या में थे. इस दौरान सीएम ने राम मंदिर में राम लला के दर्शन किए. सीएम हनुमानगढ़ी गए और वहां भी पूजा अर्चना की. इसके बाद Timeless Ayodhya: Ayodhya Literature Festival कार्यक्रम में सीएम शामिल हुए. इस दौरान एक संक्षिप्त संबोधन में सीएम योगी ने राम मंदिर और अयोध्या आने के संदर्भ में एक ऐसी बात कही जो अब चहुंओर चर्चा का विषय बनी हुई है. 


सीएम योगी ने कहा- हम लोगों ने 2017 में जब अयोध्या में दीपोत्सव के आयोजन को आगे बढ़ाया था हमारे मन में एक ही बात थी और वो बात यही थी कि कैसे भी हो अयोध्या को उसकी पहचान मिलनी चाहिए अयोध्या को सम्मान मिलना चाहिए जिसका वह हकदार होना चाहिए.


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'सत्ता भी गवानी पड़ेगी तो ...'
सीएम ने कहा- एक द्वंद था जब अयोध्या में पहली बार आने की बात हुई यद्यपि मेरी तीन पीढ़ियां श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए समर्पित थी, मुझे कोई समस्या नहीं थी लेकिन शासकीय व्यवस्था जिस नौकरशाही से जकड़ी होती है उस नौकरशाही में बड़ा वर्ग ऐसा था जो कहता था कि मुख्यमंत्री के रूप में अयोध्या जाने से विवाद खड़ा होगा. हमने कहा विवाद खड़ा होता तो होने दीजिए लेकिन अयोध्या के बारे में कुछ सोचने की आवश्यकता है.


मुख्यमंत्री ने कहा- फिर एक वर्ग ऐसा था जिसने कहा कि आप जाएंगे फिर राम मंदिर की बात होगी तो मैंने कहा कौन हम सत्ता के लिए आए हैं राम मंदिर के लिए सत्ता भी गवानी पड़ेगी तो कोई समस्या नहीं होनी चाहिए.


सीएम ने कहा- मैंने अवनीश अवस्थी (सेवानिवृत्त भातीय प्रशासनिक सेवक और सीएम के मौजूदा सलाहकार) से कहा मैंने कहा एक बार चुपचाप जाकर के देखो दीपोत्सव का कार्यक्रम कैसे हो सकता है. वो यहां आए उन्होंने यहां सर्वे किया उन्होंने कहा दीपोत्सव का आयोजन होना चाहिए. मैंने कहा मैं जाऊंगा. तो मैंने कि दीपोत्सव करते करते बीच में फिर राम मंदिर की बात उठेगी तो इसको क्या करेंगे. उन्होंने कहा नहीं कार्यक्रम हो इसके बारे में हम सबसे बात करते हैं. सबका सकारात्मक भाव है. आज आप देख रहे होंगे दीपावली के एक दिन पहले अयोध्या का दीपोत्सव अयोध्या का एक फेस्टिवल बन गया एक समाज एक पर्व बन गया है.