UP News: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साल 2021 में फर्जी तरीके से आयुष कॉलेजों में एडमिशन लेने वाले छात्रों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है. यूपी सरकार ने सोमवार को राज्य साल 2021 में आयुष कालेजों में एडमिशन को लेकर हुई कथित अनियमितता की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की सिफारिश केंद्र सरकार से कर दी है. इसके अलावा इस मामले में आयुर्वेद सेवाओं के कार्यवाहक निदेशक और प्रभारी अधिकारी को निलंबित करते हुए यूनानी निदेशालय और होम्योपैथी निदेशालय के दो अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय जांच भी शुरू की गयी है. 


सीएम योगी का सख्त एक्शन


इस मामले की शुरुआती जांच पड़ताल में गड़बड़ी सामने आने के बाद सीएम योगी ने ये कदम उठाया है. सोमवार को जारी एक बयान में राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के निर्देश के अनुपालन में राज्य सरकार ने वर्ष 2021 में आयुष कॉलेजों में प्रवेश में हुई अनियमितता की जांच सीबीआई से कराने की संस्‍तुति भारत सरकार से की है. आपको बता दें कि पिछले साल मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए होने वाली नीट परीक्षा में शामिल हुए बगैर कई छात्रों को आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी कॉलेज में दाखिला ले लिया था. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच तत्काल एटीएफ को सौंप दी गई थी. 


उत्तर प्रदेश में आयुष कॉलेजों में पिछले शैक्षिक सत्र 2021 में दाखिले में हुई कथित धांधली के मामले में पहले आयुर्वेद निदेशक ने काउंसलिंग कराने वाली संस्था समेत तीन के खिलाफ लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मामला दर्ज कराया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इसे उप्र पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) को सौंप दिया था और अब सरकार ने इसकी जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया है. माना जा रहा है कि जल्द ही सीबीआई इस मामले को अपने हाथ में ले लेगी. 


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