Kanpur News: यूपी के कानपुर (Kanpur) में गोविंद नगर क्षेत्र के आसपास मरे मिले 5 सुअरों में अफ्रीकन फीवर की पुष्टि हो गई है. इससे इंसानों में खतरा बढ़ गया है. अफ्रीकन फीवर से अभी तक सूअर ही मर रहे हैं लेकिन इंसानों के प्रभावित होने का खतरा मंडराने लगा है. अगर यह बीमारी सुअरों से इंसानों में फैली तो समस्या खड़ी हो जाएगी. शहर के मोहल्लों में सूअर झुंड में घूमा करते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अफ्रीकन फीवर फैलाने वाला रोगाणु भी वायरस है. ये वायरस बहुत तेजी से म्यूटेशन करते हैं. स्वाइन फ्लू , बर्ड फ्लू वायरस भी म्यूटेशन से इंसानों में आए हैं.


अफ्रीकन फीवर से दहशत


विशेषज्ञों के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति ने अफ्रीकन फीवर से संक्रमित सूअर का मांस खा लिया तो वायरस उसमें जाकर म्यूटेशन कर सकता है फिर मानव से मानव में संक्रमण फैल सकता है. ज्यादातर वायरल संक्रमण इसी तरह जानवरों से इंसान में आए हैं. सूअर बीमारियों का हब होता है. इससे कई तरह की वायरल और बैक्टीरियल बीमारियां इंसानों में होती हैं. जिस तरह अफ्रीकन फीवर फैला है उससे खतरा बढ़ रहा है. लेकिन अभी तक सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल अटलांटा ने इसे सूअर से सुअर में फैलने वाली बीमारी माना है. लेकिन बावजूद इसके आशंका है कि मनुष्य प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इसका कैरियर हो सकता है. 


जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ


जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की मेडिसिन विभागाध्यक्ष का कहना है कि अफ्रीकन स्वाइन फीवर का इंसानों में आने का खतरा बना हुआ है. वायरस कब म्यूटेशन करेगा इसका पता नहीं रहता है. बहुत दिनों तक वायरस के मानव शरीर में रहने से इसका रूप बदलता है और फिर यह मानव से मानव में संक्रमण करने लगता है. मानव शरीर में पहुंचने के बाद स्वाइन फ्लू और मंकीपॉक्स ने भी म्यूटेशन किया और महामारी बन गए. अभी यह सूअर से सुअर का संक्रमण ही माना जा रहा है. 
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जानकारों की मानें तो रोकथाम के लिए सारे सूअरों को आबादी से हटाना पड़ता है. जिले के CMO डॉ आलोक रंजन की माने तो अभी अफ्रीकन फीवर मानव में अभी तक रिपोर्ट नहीं किया गया है लेकिन वायरस कभी भी म्यूटेट हो सकता है. इसलिए इससे बच के रहना होगा.  


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