Shravasti News: यूपी के श्रावस्ती जनपद में बने जिला संयुक्त चिकित्सालय में बिजली ना होने के कारण एसएनसीयू में भर्ती 3 नवजात शिशुओं की मौत हो गई. जिससे जिला अस्पताल में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में वहां पर भर्ती कई बच्चों को डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज बहराइच रेफर किया. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस मामले का संज्ञान लिया और सीएमओ से जवाब तलब किया है. 

 

बिजली न होने से गई 3 नवजात बच्चों की जान
यूपी सरकार लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का दावा कर रही है, श्रावस्ती जनपद की स्वास्थ्य सेवा ठीक करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए लेकिन बावजूद इसके यहां की हालत खराब है. इसकी एक तस्वीर हाल ही में दिखाई दी थी जब गिलौला सीएससी में डॉक्टर मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में इलाज करते हुए नजर आ रहे थे. लेकिन इससे भी यहां के स्वास्थ्य विभाग ने कोई सबक नहीं लिया और आज यहां बिजली न होने की वजह से 3 नवजात बच्चों की मौत हो गई. 

 

डिप्टी सीएम ने लिया मामले का संज्ञान
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने भी इस मामले को संज्ञान में लिया है और सीएमओ से जवाब तलब किया है. वहीं CMO शारदा प्रसाद तिवारी का कहना है कि हमें 3 शिशुओं की मौत की सूचन मिली थी, मैं जांच के लिए जिला अस्पताल गया था. एक बच्चे का जन्म तो सुबह 6 बजे ही हुआ था लेकिन 12 बजे उसकी मौत हो गई. जन्म के समय उसका वजन कम था और वो प्रीमैच्योर बच्चा था. वहीं दूसरा और तीसरा बच्चा 31 जुलाई को भर्ती हुआ था. इनमें से एक की मौत करीब 1 बजे और दूसरे की मौत 3 बजे के आसपास हुई. इनमें से एक बच्चे के मुंह में जन्म के समय गंदा पानी चला गया था.


 

सीएमओ ने दी ये सफाई

सीएमओ ने कहा कि जो ये बात कही जा रही है बिजली जाने से की वजह से ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हुई, वो गलत है क्योंकि जनरेटर के माध्यम से लगातार बिजली की आपूर्ति की जा रही थी. चार बजे के आस-पास 10 मिनट के लिए जनरेटर को कूलिंग के लिए बंद किया गया था. ये तीनों मौतें पहले ही हो गईं थी. सीएमओ ने कहा कि जब वो निरीक्षण के लिए वहां गए तो जनरेटर चल रहा था. अस्पताल में 15 बच्चे भर्ती थे. 5 बच्चे कल नए भर्ती हुए. एक बच्चा प्रेगनेन्सी के 6 महीने में ही पैदा हो गया था. उसको बड़े अस्पताल ले जानी की सलाह दी गई थी. 

 

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