Lucknow News: उत्तर प्रदेश में हुए बारिश के बाद मच्छरों के पनपने का खतरा बढ़ गया है. डेंगू की आशंका के चलते अस्पतालों में पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं. डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने शनिवार को सभी सीएमओ और अस्पताल के सीएमएस को डेंगू मरीजों के इलाज के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाए जाएं. प्रत्येक अस्पताल में कम से कम 10 से 15 बेड हों. क्षमता और मरीज के हिसाब से बेड बढ़ाए भी जा सकते हैं.
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि डेंगू के मरीज मच्छरदानी में ही रखें जाएं, ताकि दूसरे मरीज को डेंगू की चपेट में आने से रोका जा सके. सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी डेंगू के मरीज भर्ती किए जाएं. डिप्टी सीएम ने कहा कि सभी जरूरी दवाओं की व्यवस्था कर ली जाए.
लक्षण वाले मरीजों की जांच कराएं
डिप्टी सीएम ने कहा कि तेज बुखार, उल्टी, सिर और पेट में दर्द समेत दूसरे लक्षण के साथ आने वाले मरीजों की सरकारी अस्पताल में मुफ्त डेंगू जांच कराई जाए. कार्ड जांच में डेंगू का पता चलने के बाद एलाइजा टेस्ट जरूर कराएं. यह सारी जांच मुफ्त होनी चाहिए.
सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की मिलेगी सुविधा
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि मरीजों को सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की सुविधा मिलेगी. यूपी के सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंक को अपग्रेड किया जा रहा है. नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) की मदद से ब्लड बैंकों में नई मशीनें स्थापित की जा रही हैं. ताकि मरीजों को और सुरक्षित खून मुहैया कराया जा सके. डेंगू की दशा में मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स अचानक कम होने लगते हैं. इससे मरीज में रक्तस्राव की आशंका बढ़ जाती है. ऐसे मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है. बर्न के मरीज में भी प्लेटलेट्स और प्लाज्मा की कमी हो जाती है. इस मशीन की मदद से इन मरीजों के इलाज की दुश्वारियां भी घटेंगी. प्रदेश के मंडल स्तर के अस्पतालों में ऐफरेसिस यूनिट स्थापित की जा रही है. प्लेटलेट्स की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकेगा. एनएचएम के अधिकारियों को जल्द से जल्द यूनिट लगाने के निर्देश दिए गए हैं.