UP News: सरकारी अस्पतालों में काम नहीं करना चाहते डॉक्टर, 40% ने नहीं किया ज्वाइन, 10% ज्वाइन करने के बाद से गायब
UP News: यूपी के सरकारी अस्पतालों के लिए प्रदेश सरकार ने भर्ती निकाली थी. इस भर्ती से स्वास्थ्य विभाग को 1003 डॉक्टर्स चयनित होकर मिले लेकिन इनमें से करीब 40 फीसदी डॉक्टर्स ने ज्वाइन ही नहीं किया है.
UP News: सरकारी अस्पतालों में मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टर्स से अच्छी डॉक्टरी सुविधा मिले इसके लिए प्रदेश सरकार ने भर्ती निकाली थी. इस भर्ती से स्वास्थ्य विभाग को 1003 डॉक्टर्स चयनित होकर मिले लेकिन इनमें से करीब 40 फीसदी डॉक्टर्स ने अब तक ज्वाइन ही नहीं किया है. इसके अलावा करीब 10 फीसदी ऐसे भी हैं जिन्होंने ज्वाइन तो किया लेकिन इसके बाद से गायब हैं. कुल मिलाकर इन डॉक्टर्स के अस्पताल न आने से अस्पतालों में आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज मिलने में बाधा आ रही है. अब स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे डॉक्टर्स का ब्यौरा जुटाना शुरू किया है.
40 फीसद डॉक्टर्स ने नहीं किया ज्वाइन
इस बारे में जानकारी देते हुए डीजी हेल्थ डॉ. वेदव्रत सिंह ने कहा कि सभी सीएमओ से ये जानकारी मांगी है कि उनके यहां जितने डॉक्टर भेजे गए थे उनमें से कितने आ रहे हैं और कितने नहीं. ये जानकारी आने के बाद सभी को एक फाइनल नोटिस भेजा जायेगा. इसके बाद भी जो नहीं आएंगे उनको बाहर करने की प्रक्रिया होगी और खाली पदों के लिए फिर से लोक सेवा आयोग को भेजा जाएगा. डीजी हेल्थ ने बताया कि 2020 में सेवानियमावली में बदलाव कर विशेषज्ञों की सीधी भर्ती शुरू की थी. 3620 चिकित्सकों के लिए लोक सेवा आयोग को अधियाचन भेजा था. आयोग ने चयन प्रक्रिया से 1003 चिकित्सक दिए जिनको नियुक्ति पत्र दिए. इनमे करीब 60 फीसदी ने ज्वाइन किया. जिन्होंने ज्वाइन किया उनमें से भी 10 फीसदी ज्वाइन करने के बाद चले गए.
डीजी हेल्थ ने बताया डॉक्टरों की कमी का कारण
डीजी हेल्थ डॉ. वेदव्रत ने बताया की कुछ विशेषज्ञ प्राइवेट प्रैक्टिस प्रेफर करते हैं. कुछ मेडिकल कॉलेज चले जाते और कुछ उच्च शिक्षा के लिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसकी वजह से समस्या तो है लेकिन प्रदेश में नए मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं. आने वाले 4-5 साल में डॉक्टर्स की कमी दूर होगी. लेकिन डॉक्टर्स को सोचना चाहिए की उनको समाज सेवा भी करनी चाहिए. सरकारी अस्पतालों में सेवाएं देनी चाहिए.
दरअसल प्रांतीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवा संवर्ग में करीब 12 हजार डॉक्टर हैं. इनकी तैनाती 170 जिला अस्पताल, 107 अस्पताल (100 बेड वाले), 943 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 3649 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में की गई है. महानिदेशालय से लेकर विभिन्न प्रशासनिक पदों पर भी वरिष्ठता के आधार पर ये तैनात हैं. जनवरी 2022 से मई तक करीब 1003 नए डॉक्टरों की तैनाती की गई है लेकिन इनमे से आधों की ही सेवाएं मिल पा रही हैं.
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