UP News: सरकारी सुरक्षाकर्मी रखना उत्तर प्रदेश मे स्टेटस सिम्बल माना जाता है. सरकारी गनर रखने के लिए नेता एड़ी से चोटी तक का जोर लगा देते हैं. बड़े बड़े नेताओं को आपने सरकारी गनरों और सुरक्षा कर्मियों के साये में रहते देखा होगा लेकिन एटा जनपद में लोग अचानक सड़क पर रेहड़ी लगाकर रेडीमेड कपडे बेच कर गुजारा करने वाले के पास दो सरकारी गनर देखकर आश्चर्य मे पड़ गए. ये रेहड़ी वाला जब अपनी रेहड़ी लगाकर बाजार के फुटपाथ मे कपड़े बेच रहा होता है तो दो सरकारी गनर इसकी सुरक्षा करते हैं.


हाईकोर्ट के आदेश के बाद दी गई सुरक्षा
बता दें कि जैथरा कस्बा मे रेहड़ी पर रेडीमेड कपडे बेंचने वाले रामेश्वर दयाल को एक मामले मे हाई कोर्ट के आदेश पर एक नहीं बल्कि दो सरकारी सुरक्षा कर्मी मिले हैं. जो हर वक़्त उसकी सुरक्षा मे तैनात रहते हैं. दरअसल, एटा जनपद के जैथरा कस्बे के गांधी नगर में रहने वाले अनुसूचित जाति के रामेश्वर दयाल ने अखिलेश यादव के बेहद करीबी और अलीगंज सीट से तीन बार के पूर्व विधायक सपा नेता रामेश्वर सिंह यादव और उनके छोटे भाई सपा नेता पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. जिसमें उसने जातिसूचक शब्द कहने और बंधक बनाकर जबरन उसकी जमीन का बैनामा करवा लेने का मुकदमा जैथरा थाना मे 3 जून को दर्ज करवाया था.


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सपा नेता के तरफ से हाई कोर्ट में डाली गई थी याचिका
इस मामले में सपा नेताओं की तरह से हाई कोर्ट में याचिका डाली गई थी. जिसमें इस मुकदमे को झूठा बताया गया था और मामले को खारिज कर एफआईआर निरस्त करने की मांग की गयी थी. वादी रामेस्वर दयाल ने 3 जून को जैथरा थाना मे सपा नेता रामेस्वर सिंह यादव,  पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव, रामेस्वर यादव के एक भाई, राम मूर्ती,  रेखा यादव, किताब श्री,  मुन्नी देवी और पूर्व लेखपाल राम खिलाड़ी के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 323, 344, 347, 386, 447, 506, और 3(2)(5) एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज करवाया था. 


जमीन बेचने का बनाया गया दबाव
मामले में यह कहा गया है कि 2010 से 2014 के बीच उक्त लोगों द्वारा वादी और उसके भाई पर उनकी जमीन बेचने का दबाव बनाया गया था. रामेश्वर सिंह यादव ने अगस्त 2014 में वादी और उसके भाई को एक महीने तक बंधक बनाए रखा और मारपीट की. जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर मौत का भय दिखाकर जबरन इनकी जमीन का बैनामा करवा लिया था. वादी ने कहा कि उसके पास जमीन होते हुए भी आज वो सडक पर रेहड़ी लगाकर कपडे बेंचने को मजबूर हैं.


25 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
जब न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई की और वादी को भी सम्मन भेजकर बुलाया गया. जिसके बाद वादी रामेश्वर दयाल हाई कोर्ट में हाजिर हो गया. न्यायाधीश ने एटा पुलिस को इस मामले के वादी को सुरक्षा मुहैया करवाने के आदेश दिए हैं. इस मामले मे अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी.आदेश के अनुपालन में ही एटा के एसएसपी उदय शंकर सिंह ने कल ही वादी रामेस्वर दयाल को दी सुरक्षा कर्मी उसकी रेहड़ी पर उपलब्ध करवा दिए. जहां पर सडक पर रेहड़ी लगाकर रामेस्वर दयाल ठेले पर रेडीमेड गारमेंट्स के कपडे बेंचता हैं. जैसे ही वादी रामेस्वर दयाल की रेहड़ी के पास सोमवार को एटा पुलिस के दो शसस्त्र सुरक्षा कर्मी हथियार लेकर पहुंचे तो रामेस्वर दयाल पहले तो उनको ग्राहक समझ कर खड़ा हो गया. बाद में उसको बताया गया कि उसकी सुरक्षा में दोनों सुरक्षा कर्मी हाई कोर्ट के आदेश से लगे हैं तो वह असहज हो गया. उसने कहा कि हम गरीब आदमी हैं हम सुरक्षाकर्मी नहीं रख सकते. तब उसको बताया गया कि उसको ये दोनों सुरक्षा कर्मी निःशुल्क उसकी सुरक्षा के लिए मिले हैं.


क्या कहा थाना जैथरा के इंस्पेक्टर डॉ. सुधीर राघव ने?
इस सम्बन्ध में थाना जैथरा के इंस्पेक्टर डॉ. सुधीर राघव ने बताया कि परसों माननीय न्यायालय ने एसएसपी एटा को वादी रामेश्वर दयाल को समुचित सुरक्षा उपलब्ध करवाने का आदेश दिया था. उसी आदेश के अनुपालन में एसएसपी एटा ने मुझे थाना स्तर से सुरक्षा उपलब्ध कराने को आदेशित किया. एसएसपी एटा के आदेश के दो घंटे के भीतर वादी रामेश्वर दयाल को दो सशस्त्र सुरक्षा कर्मी तत्काल उपलब्ध करवा दिए गए हैं. तब से दोनों वादी की सुरक्षा में तैनात हैं.


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