Etawah News: इटावा (Etawah) के विश्व प्रसिद्ध जमुनापारी भदावरी फार्म (Jamunapari Bhadawari Farm) में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक 10 फीट लंबा अजगर बकरियों के चरगाह के पास शिकार के लिए घात लगाए बैठा दिखाई दिया. फार्म में काम करने वाले मजदूर की नजर इस अजगर पर पड़ी, जिसके बाद वन्य विभाग की टीम को इसकी सूचना दी गई है. अजगर के मिलने की खबर मिलते ही वन्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और सांप का रेसक्यू कर उसे वन क्षेत्र में सुरक्षित छोड़ दिया.


जमुनापारी फार्म से अजगर का रेस्क्यू


दरअसल इटावा में विश्व प्रसिद्ध जमुनापारी बकरी एवं भदावरी भैंस फार्म है, जहां पर इस बेशकीमती जमुनापारी बकरी-बकरे की संख्या बढ़ाने के लिए इस प्रजाति का संरक्षण किया जाता है. शुक्रवार सुबह जब जानवरों के लिए चारा काटने एक मजदूर चरगाह में पहुंचा तो उसकी नजर यहां घात लगाए बैठे 10 फीट लंबे अजगर सांप पर पड़ी. जिसके बाद उसने फार्म के पशुधन प्रसार अधिकारी अखिलेश सिंह को इसकी जानकारी दी और फिर उन्होंने इटावा के वन्य जीव विशेषज्ञ एवं सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी को फार्म में बुलाकर अजगर को पकड़ने का रेस्क्यू किया. 


वन्यजीव विशेषज्ञ ने बताया कि ये अजगर पायथन मोलूरस प्रजाति का था एवं वन्यजीव अधिनियम 1972 के तहत एक संरक्षित प्राणी है जिसे मारने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है. वन्य विभाग की टीम ने अजगर को सुरक्षित पकड़कर उसके प्राकृत वास वन क्षेत्र में बिना किसी नुकसान के पहुंचाया जा रहा है. मौके पर मौजूद पशुधन प्रसार अधिकारी अखिलेश यादव ने बताया कि फार्म हाउस से अजगर का रेस्क्यू किया गया है और हमारी कीमती जमुनापारी बकरियों का शिकार होने से बच गया. पशुधन अधिकारी ने इसके लिए वन्य विभाग का आभार जताया. 


उन्होंने कहा कि जमुनापारी बकरियों की कीमत 50 हजार से शुरू होकर लाखों तक जाती है. वहीं इनमें मौजूद जमुनापारी बकरे की कीमत एक से डेढ़ लाख रुपये है. ये जमुनापारी बकरी जनपद की अमूल्य धरोहर व विश्वप्रसिद्व संरक्षित प्रजाति भी है. 


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