UP News: उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही मदरसों में आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने और मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी फारसी मदरसा मान्यता प्रशासन और सेवा नियमावली में संशोधन करने जा रही है. जिसके बाद मदरसों में टीईटी पास शिक्षकों की भर्तियां की जाएंगी. जिसके तहत योगी सरकार मदरसों में दीनी तालीम को कम कर आधुनिक शिक्षा पर विशेष फोकस कर रही है. जिसके बाद मदरसों में 20% दीनियात की पढ़ाई और 80% आधुनिक विषय अंग्रेजी हिंदी गणित विज्ञान की पढ़ाई मदरसों के बच्चों को कराई जाएगी. इसी के तहत टीईटी पास शिक्षकों की भर्तियां मदरसों में की जाएगी.


बजट में हो रही है कमी
मदरसा नियमावली संशोधन और मदरसों में टीईटी पास शिक्षकों की भर्ती को लेकर इटावा में मदरसा अरबिया कुरानिया के प्रिंसिपल मौलाना तारिक शमसी का कहना है कि टीईटी पास शिक्षकों की भर्ती के फैसले का वह स्वागत करते हैं. इससे मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता में जरूर सुधार होगा लेकिन इस सरकार के द्वारा उठाए गए इस कदम से मदरसों का जो मूलभूत ढांचा अरबी और फारसी भाषा को विकसित करने का था उस पर आने वाले समय में जरूर फर्क पड़ेगा. मौलाना तारिक शम्सी ने सीधे-सीधे सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार की मंशा अरबी फारसी भाषा के विकास को डिस्टर्ब करने की लग रही है. उन्होंने यह भी कहा कि अच्छी बात है कि आधुनिक विषय मदरसों में पढ़ाई जाएं और यह काम 1994 से अटल जी की सरकार के समय से शिक्षा के आधुनिकीकरण के रूप में होता आ रहा है. जिसके तहत मदरसों में हिंदी अंग्रेजी गणित विज्ञान विषय पढ़ाए जा रहे हैं लेकिन सन 2017 से इन आधुनिक विषयों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को बजट की कमी के चलते सरकार वेतन ही नहीं दे पा रही है. तब ऐसे में मदरसों में नई भर्तियां करना और टीईटी पास शिक्षकों को रखना क्या सरकार इन शिक्षकों को वेतन दे पाएगी? यह बड़ा सवाल है.


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शिक्षकों को नहीं मिल रहा है वेतन
मदरसा शिक्षा को लेकर सरकार के द्वारा बनाए जा रहे नए नियमावली के बाद मदरसों में भर्तियों को लेकर भाई भतीजावाद के लगते आ रहे थे. जिस पर अब लगाम लगेगी. अधिकतर मदरसों में मदरसा संचालकों के द्वारा अपने ही घरों के लोगों को रख लिया जाता था लेकिन सरकार द्वारा भर्ती को लेकर बनाई गई नियमावली 2016 के तहत योग्य और क्वालिफाइड शिक्षकों की ही नियुक्ति मदरसों में नियमावली 2016 के तहत की जा रही थी. अब टीईटी पास शिक्षकों की भर्तियां होने के बाद पूरी तरह से भर्तियों में पारदर्शिता होगी. 2017 से मदरसों में आधुनिक शिक्षा हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान और गणित पढ़ाने वाले शिक्षकों को वेतन मिलने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. बजट के अभाव में हो रही है दिक्कत मदरसा संचालक ने कहा कि सरकार मदरसों में आधुनिक शिक्षा के नाम पर ढिंढोरा पीटना बंद करें यदि सरकार मदरसों की शिक्षा में गुणवत्ता में सुधार लाना चाहती है तो पहले से मौजूद शिक्षकों के वेतन का इंतजाम करें. इसके साथ ही टीईटी पास शिक्षकों की भर्ती का इंतजाम और उनके वेतन का इंतजाम करें.


इटावा में हैं 22 मदरसे 
सन 1889 से अंग्रेजों के समय से प्राच्य भाषा के तहत भारत में मदरसों और संस्कृत पाठशाला की स्थापना इन प्राचीन भाषाओं के विकास के लिए की गई थी. जिनका उद्देश्य मदरसों में अरबी और फ़ारसी भाषा का विकास और उनकी शिक्षा देना था. इटावा में इस समय 22 मदरसे संचालित हैं. जिसमें एक सरकारी सहायता प्राप्त मदरसा अरबिया कुरानिया है.


जल्द की जाएगी टीईटी पास शिक्षकों की भर्ती
वहीं इस बारे में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुशील कुमार का कहना है कि अभी टीईटी पास शिक्षकों की भर्ती को लेकर फिलहाल उनके पास कोई लिखित में शासनादेश नहीं आया है लेकिन मुख्यालय से और सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार जल्द ही टीईटी पास शिक्षकों की भर्तियां मदरसों में की जाएगी. वहीं शिक्षा आधुनिकीकरण के तहत इटावा के 16 मदरसों में मदरसों के बच्चों को आधुनिक शिक्षा के विषय अंग्रेजी हिंदी गणित विज्ञान पढ़ाए जा रहे हैं. वहीं शिक्षकों को वेतन न मिलने के सवाल पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुशील कुमार ने कहा कि वेतन न मिल पाने का कारण जरूर कोई वजह रही होगी लेकिन जब-जब जैसे जैसे वेतन आता है वैसे वैसे शिक्षकों को उपलब्ध करा दिया जाता है.


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