UP Crime News: फर्रुखाबाद पुलिस ने फ़र्ज़ी शस्त्र लाइसेंस बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने गिरोह के 8 सदस्यों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है. गिरोह के सरगना द्वारा बनाए गए 12 शस्त्र लाइसेंस और फ़र्ज़ी लाइसेंस से खरीदे गए 6 शस्त्र के साथ लाइसेंस में उपयोग होने वाली मोहरे भी बरामद की है. गिरफ्तार सदस्यों का शस्त्र लाइसेंस का फर्जीवाड़ा सूबे के दूसरे जनपदों में भी संचालित है. वहीं पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की भी तलाश कर रही है.


अन्य आरोपियों की तलाश जारी
फर्रुखाबाद में फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाने वाले गिरोह के सदस्य महाराज सिंह,नेम सिंह उर्फ गंभीर यादव, अवधेश यादव, सुभाष यादव, गजेंद्र यादव, नीरज यादव, उमेश यादव, निशांत सिंह यादव को गिरफ्तार कर लिया है. यह सभी लोग काफी समय से फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाने का कार्य कर रहे थे. ये लोग ग्रामीणों को 5 हज़ार रुपये में बंदूक का लाइसेंस बना कर देते थे और इतना ही नहीं उस लाइसेंस पर शस्त्र भी खरीद कर देते थे. फ़र्ज़ी शस्त्र लाइसेंस गिरोह की सूचना पर पुलिस ने हिरोह के सरगना को गिरफ्तार कर पूछताछ की. पूछताछ के आधार पर गिरोह के दूसरे सदस्यों की भी गिरफ्तारी कर उनके कब्जे से फर्जी लाइसेंस पर दर्ज 6 बंदूक और अवैध तमंचा सहित भारी मात्रा में कारतूस भी बरामद किया है. वहीं फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाने के लिए अधिकारियों की फर्जी मोहर और लाइसेंस बुक भी बरामद की है. फेक आर्म्स लाइसेंस जनपद फर्रुखाबाद के नाम से ही बने है. इन लाइसेंस पर एटा और मैनपुरी जनपद से शस्त्र खरीदे गए है. फिलहाल नकली शस्त्र लाइसेंस गिरोह की जांच अभी जारी है. पुलिस इस मामले में लिप्त अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए जांच कर रही है. 


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आरोपियों पर की जा रही है कार्रवाई
अशोक कुमार मीणा पुलिस अधीक्षक फर्रुखाबाद ने बताया कि एसओजी, सर्विलांस और पुलिस टीम द्वारा गुड वर्क किया गया है. इसके अंतर्गत जो फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाने वाला एक गैंग है जिनके पास से प्रशासन की अधिकारियों की मोहर बरामद हुई है. साथ ही साथ उनके पास से 5 नाजायज सिंगल बैरल की 12 बोर की गन बरामद हुई है. एक डबल बैरल 12 बोर, 28 जिंदा कारतूस, एक अवैध तमंचा 315 बोर, एक मिस कारतूस, 6 अदद शस्त्र रिन्यूअल करने की मोहर स्टाम्प जिसे ये यूज करके लगातार फर्जी लाइसेंस बनाया करते थे और साथ ही साथ रिन्यूअल भी किया करते थे. इनके पास से 12 अवैध शस्त्र लाइसेंस जिसमें से 10 बने हुए है और 2 अर्ध बने हैं. पूछताछ इन्होंने बताया कि फर्जी लाइलेंस पर मोहर लगाते हुए उच्च अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर कर ये लाइसेंस बनाते थे करीब 5 हजार रुपए के अंदर ये एक लाइसेंस बनाते थे और रिन्यूअल का इनका चार्ज 500 से 1000 रुपए के लिया करते थे, मामले में आगे की वैधानिक कार्रवाई की जा रही है.


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