महात्मा के आश्रम पर दबंगों की नजर
दरअसल महात्मा कृष्णानंद का मृत्यु प्रमाण पत्र बनने की वजह ये बताई जा रही है कि फिरोजाबाद के हिमायूपुर में कृष्णानंद महाराज के गुरु अंचिन्ता नंद का आश्रम बना हुआ है. जिसमें बगीची है और उसके बाहर करीब 22 दुकानें बनी हुई है. 30 साल पहले महाराज कृष्णानंद ने इन दुकानों को बनवाया था, जो अब करोड़ों रुपयों की हैं. लेकिन इस करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी पर रामगोपाल उर्फ सेवानंद और उसके साथियों की नजर लगी हुई है. जिन्होंने इस पर कब्जा करने के लिए कृष्णानंद महाराज को मृत साबित कर दिया. और नगर निगम से उनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवा लाए.
मामले की जांच के लिए टीम का गठन
इस पूरे मामले के बारे में जब नगर आयुक्त घनश्याम मीणा को पता लगा तो उन्होंने इस मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन कर दिया है. ये मामला पुराना है और नगर आयुक्त घनश्याम मीणा अभी कुछ दिन पहले ही आए हैं. ऐसे में उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है और इसमें बारीकी से जांच. की जाएगी. जिसने भी लापरवाही की है या ये प्रमाण पत्र बनाया है उसके खिलाफ कार्रवाई के साथ एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी.
जिंदा होने का सबूत रहे हैं महात्मा
कृष्णानंद महाराज ने कहा कि मैं आपके सामने जिंदा बैठा हूं और कुछ लोगों ने मेरा मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया. इस बात का जब मुझे पता लगा तो मैं नगर निगम में आया हूं और अधिकारियों से मिलकर इसकी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि मैं जिस आश्रम में रहता हूं उस पर लोग कब्जा करना चाहते हैं मेरी हत्या करने की भी पहले कोशिश की थी इसलिए मैं अपनी जान बचाकर वहां से चला गया था और अब उन्होंने मेरा मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया. मैं सरकार से चाहता हूं कि मेरी मदद करें.
वहीं आश्रम के बाहर बनी दुकानों में दुकान चलाने वाले अशोक कुमार ने कहा कि बाहर करीब 22 दुकानें हैं. इन सभी का निर्माण बाबा द्वारा ही किया गया है. कुछ दबंग लोग इस पर कब्जा करना चाहते हैं.
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