Sitapur Flood: उत्तर प्रदेश के सीतापुर (Sitapur) की तहसील महमूदाबाद, बिसवां और लहरपुर में इस समय लगातार कटान हो रहा है. जिसकी वजह से दो गांवों का अस्तित्व पर ही खतरा मंडराने लगा है वहीं इन गांवों के कई घर नदी की लहरो के आगोश में समा गए हैं. यहां के बाबा कुटी गांव में चार लोगों के घर पानी की धार के आगे टिक नहीं पाए तो वही अखरी गांव में भी 12 घर नदी की कटान में ढह चुके हैं. वहीं प्रशासन का कहना है कि वो गांववालों को हर संभव मदद की कोशिश में जुटा हुआ है.
दो गांवों के अस्तित्व पर खतरा
महमूदाबाद तहसील के रामपुर, मथुरा में अभी तक एक ही गांव का अस्तित्व खतरे में था लेकिन अब दो गांव का अस्तित्व खत्म होने को है. यहां के बाबा कुटी गांव के 4 घर नदी के आगोश में समा चुके हैं और अब यहां पर सिर्फ 12 घर बचे हुए हैं जिसकी आबादी 120 लोगों की है. जबकि अखरी गांव की बात करें तो यहां पर 12 घर ढह गए हैं इस गांव में अब सिर्फ 11 घर बचे हैं जिसकी आबादी 100 के आसपास है. गांव के चारों तरफ पानी भरा हुआ है, आने-जाने का रास्ता भी कटान की कगार पर है. डर की वजह से गांववालों अपने छप्परवा ला आशियाना ट्रैक्टर पर लेकर यहां से वहां भटक रहे हैं. गांववालों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से उन्हें कोई मदद नहीं मुहैया कराई गई है.
बैराज से छोड़े पानी ने मचाई तबाही
दरअसल यहां के शारदा, गिरजा बैराजों से 3 लाख 12 हजार क्यूसेक छोड़े गए पानी ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है. जिसकी वजह से 1 दर्जन गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. बिस्वां तहसील के गार्गी पुरवा, परमेश्वर पुरवा, पसिनपुरवा आदि गांव जलमग्न हो गए है. हालात का जायजा लेने पहुंचे तहसीलदार बिसवां अविचल प्रताप ने गांव पहुंचकर ग्रामीणों से मुलाकात की उन्हें दवाये बांटी और उनकी हर संभव मदद का भी आश्वासन दिया.
बिसवां तहसील का बुरा हाल
तहसील बिसवां में 3 दिन पहले आई बाढ़ का पानी अभी सिमट नहीं पाया था कि सरयू खतरे के निशान को 50 सेंटीमीटर पार कर ऊपर निकल गयी. जिससे तहसील बिसवां की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत गौलोक कोडेर का मजरा गार्गी पुरवा, परमेश्वर पुरवा, पसिनपुरवा आदि गांव में घरों तक पानी भर गया. मार्गो पर बाढ़ का पानी चलने लगा, जिससे आवागमन भी बाधित हो गया. इन गावों में नाव की व्यवस्था न होने के चलते लोग अपनें घरो में ही कैद है.
लहरपुर तहसील में सैकड़ों बीघा भूमि का कटान
लहरपुर तहसील का भी हाल बुरा है. यहां तम्बौर के बेहटा ब्लॉक के मानपुर, मल्लापुर गांव में बीते महीने भर में सैकड़ों बीघा खेती योग्य भूमि कटान की भेंट चढ़ चुकी है. किसानों की फसलें पूरी तरह से जलमग्न हो गयी हैं और उनके खेत कटान में समा चुके है. नदी की आबादी से दूरी करीब 25 मीटर ही बची है. यहां पर सिंचाई विभाग द्वारा कराए गए बचाव कार्य नाकाफ़ी साबित हुए है. लोगों का कहना है कि सिंचाई विभाग के अधिकारी गांव आते है और दिशा निर्देश देकर चले जाते है. एसडीएम, तहसीलदार मुआयना कर हर संभव प्रयास का आश्वासन देकर चले जाते हैं.
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