Ayodhya News: अयोध्या पुलिस ने बीएससी नर्सिंग में एंट्रेंस एग्जाम में सॉल्वरो को बैठकर छात्रों से लाखों रुपए लेकर एडमिशन का दावा करने वाले एक गिरोह का खुलासा किया है. इस पूरे गोरख धंधे के तार लखनऊ से लेकर अयोध्या तक जुड़े हुए है. यूपी में चर्चित पेपर लीक मामले के बाद इस गोरखधंधे को जानने और समझने के बाद आप भी दांतों तले उंगली दबा लेंगे.
यह पूरा मामला अयोध्या के राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज से जुड़ा हुआ हैं दरअसल यहां कॉलेज ऑफ नर्सिंग में शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में सीएनईटी-2023 की काउंसलिंग से प्रवेश लिए छात्रों में 11 छात्रों के बारे में संदिग्ध जानकारी प्राप्त हुई थी यह सभी छात्र ने लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी से काउंसलिंग के राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज अयोध्या में एडमिशन कराकर शिक्षा ग्रहण कर रहे थे संदेह का कारण यह था कि उनके फोटो उनके प्रवेश पत्र से मिसमैच हो रहे थे.
कब हुई इस फर्जीवाड़े की शुरुआत
यह पूरा खेल इस तरह हुआ की जब स्टूडेंट ने फॉर्म भरा और उसके बाद उसके एग्जाम का समय आया तब कुछ छात्र ऐसे गिरोह के संपर्क में आ गए जो उनको एडमिशन की गारंटी दे रहे थे. लिहाजा एक मोटी रकम लेकर गिरोह के लोगों ने प्रवेश पत्र की फोटो ही बदल दी और वास्तविक छात्र के स्थान पर ऐसे व्यक्ति की फोटो लगाकर उसके स्थान पर परीक्षा के लिए भेज दिया जो वास्तव में छात्र नहीं बल्कि सालवर था और यही से इस पूरे खेल की शुरुआत हुई.
अयोध्या में फरवरी माह में अपराध संख्या 50/24 अंतर्गत धारा 420 पंजीकृत हुआ था. यह शिकायत आई थी कि 11 बच्चे बीएससी नर्सिंग मैं प्रवेश में उनके फोटो उनके प्रवेश पत्र से मिसमैच हो रहा है और इसी संबंध में जांच कर एक तहरीर विश्वविद्यालय से एक संबंधित कॉलेज था. इसके क्रम में जनपद में गठित टीम एंटी करप्ट सेल को दी गई थी और उनके द्वारा इस विषय पर लगातार कार्य किया जा रहा था. फिलहाल उनके अथक प्रयास से विभिन्न टेक्निकल मैन्युअल इनपुट से जानकारी की उसी क्रम में उनको यह सफलता हासिल हुई है.
तीन लोगों को गिरफ्तार कर भेजा गया जेल
इस गिरोह के तीन मुख्य लोग जो की इसमें मुख्य भूमिका अदा करते थे इन लोगों की गिरफ्तारी जनपद अयोध्या पुलिस द्वारा की गई. जिसमें मुख्यता अजय प्रताप सिंह , शीतांशु मौर्य, सोम राजवंशी है सबसे पूछताछ में जानकारी मिली है कि यह लोग सालवर के रूप में परीक्षा में बैठने के लिए तैयार करते थे. फिर किसी से पैसे के एवरेज में उन लोगों के माध्यम से परीक्षा दिलाने का कार्य कर रहे थे. इसमें जो मुकदमा दर्ज हुआ है इनके द्वारा किया गया अपराध इनके द्वारा किया गया .अपराध कबूल गया है.इन तीनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया.
हमारे पास जो तहरीर हमारे पास प्राप्त हुई थी उसमें यह था कि उन बच्चों ने एडमिशन लिया है. विश्वविद्यालय द्वारा उनके विद्यालय को कहा गया तो उसकी चेकिंग की गई तो उनके प्रवेश पत्र की फोटो और वर्तमान में स्टूडेंट उस नाम से वह परीक्षा में अपने नाम से इनरोल करवाए थे फोटो के मिसमैच के चलते गुलाब इस संबंध में हमारे जो अन्य इनपुट हमें प्राप्त हुए हैं या जानकारी करते हुए बच्चों की क्या भूमिका थी कि उनको छला गया है इस जानकारी के होते हुए विभिन्न विवेचना हमारी प्रचलित है जो सामने आएगा वह बताया जाएगा.
तीन आरोपी हुए गिरफ्तार
छात्रों को अपने जाल में फंसाने वाले गिरोह तक पहुंचाने के लिए पुलिस को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी अंततः गिरोह के तीन सदस्य अजय सिंह , रितांशु मौर्य , और सचिन रघुवंशी गिरफ्तार कर लिए गए जांच में पता चला कि यह सभी सिद्धार्थनगर बाराबंकी और सीतापुर के रहने वाले है. अभी इस गिरोह के कुछ और लोगों की पुलिस को तलाश है. इस गिरोह के कुछ लोग ऐसे छात्रों को तलाशते थे जो आसानी से उनके जाल में फंस सकते है. दूसरे कुछ लोग गिरफ्त में आने वाले छात्रों के प्रवेश पत्र की उनकी फोटो को उनके स्थान पर बैठने वाले छात्रों की फोटो से रिप्लेस कर देते थे.
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