Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद (Ghaziabad) में वार्ड 83 के पार्षद आशुतोष शर्मा (Ashutosh Sharma) की एक गलती उनकी पार्षद की कुर्सी पर भारी पड़ गई. साढ़े चार साल बाद बीजेपी (BJP) के पार्षद का पद छिन गया है. जिसके बाद अब निर्दलीय उम्मीदवार कुसुम सिंह (Kusum Singh) को जिम्मेदारी सौंप दी गई है. दरअसल आशुतोष शर्मा का नाम दो जगह वोटिंग लिस्ट (Voter List) में शामिल था, जिसकी वजह से उन्हें अपना पद गंवाना पड़ा. 


साढ़े चार बाद गंवाया पार्षद पद


दरअसल गाजियाबाद नगर निगम में साल 2017 में चुनाव हुए थे, जिसमें गाजियाबाद साहिबाबाद क्षेत्र राजेंद्र नगर वार्ड 83 के पार्षद आशुतोष शर्मा ने मात्र 27 वोटों से जीत हासिल की. कुसुम सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर  निकाय चुनाव में दूसरे नंबर पर रही. इसके बाद कुसुम सिंह ने साल 2018 में कोर्ट में केस दायर किया और आरोप लगाया कि आशुतोष शर्मा के पास साहिबाबाद विधानसभा के राजेंद्र नगर के साथ-साथ दिल्ली के विश्वास नगर विधानसभा का भी वोटर कार्ड है. उन्होंने चुनाव के वक्त शपथ पत्र जो जमा किए उसमें अपने हस्ताक्षर भी नहीं किए. कई कॉलम में भी त्रुटि पाई गई थी. ऐसे में उनका निर्वाचन शून्य किया जाए. 


निर्दलीय पार्षद को मिली जिम्मेदारी


जिसके बाद ये मामला अदालत में चला गया. करीब साढ़े चार साल तक दोनों पक्षों में सुनवाई हुई. जिसके बाद 24 अगस्त को इसका फैसला आया, जिसमें आशुतोष शर्मा का निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया गया.  आशुतोष शर्मा  की जगह कुसुम सिंह को पार्षद की जिम्मेदारी दी गई है. जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए उन्हें पार्षद घोषित कर दिया. 


कुसुम सिंह ने कोर्ट के फैसले पर जताई खुशी
इस पूरे मामले पर कुसुम सिंह ने कहा कि जिस दिन पर्चा भरा जा रहा था, तभी से हमने जिलाधिकारी पीठसीन अधिकारी को शिकायत दी थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद हम कोर्ट में गए और न्याय मिला. सुनवाई के दौरान हमने अदालत में पुख्ता सबूत रखे, जिसके आधार पर हमें न्याय मिला है. 


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पद जाने पर क्या बोले आशुतोष शर्मा
वहीं दूसरी तरफ करीब साढ़े चार साल पार्षद रहे आशुतोष शर्मा ने पद जाने के बाद एबीपी गंगा को बताया कि मैंने दिल्ली की मतदाता सूची में नाम कटवाने के लिए प्रक्रिया उसी दौरान कर दी थी. क्या कारण रहा कि मेरा नाम नहीं हट पाया. उस समय जो भी संबंधित अधिकारी था, उसे निर्देशित करना चाहिए था. मैं फॉलो नहीं कर पाया जिसकी वजह से मेरा पार्षद पद चला गया. उन्होंने कहा कि मैं दोबारा जनता के पास जाऊंगा. उम्मीद है कि मुझे इस बार भी जनका का साथ मिलेगा. 


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