Mulayam Singh Yadav Last Rites: मुलायम सिंह यादव को याद करते हुए बोले अफजाल अंसारी, 'उन्होंने पूरा जीवन समाज सेवा में लगाया'
Mulayam Singh Yadav: गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने भी मुलायम सिंह यादव के निधन पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि वो समाज के अंतिम छोर पर खड़े शख्स के चेहरे पर भी मुस्कान लाने की दिशा में काम करते थे.
Afzal Ansari: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का आज दोपहर सैफई (Saifai) में अंतिम संस्कार होगा. ऐसे में समाजवादी पार्टी के तमाम कार्यकर्ता और देश के दिग्गज नेता उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए सैफई पहुंच रहे हैं और उनसे जुड़ी बातों को याद कर रहे हैं. गाजीपुर (Ghazipur) से सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) ने भी मुलायम सिंह यादव के निधन पर दुख जताया और कहा कि वो समाज के अंतिम छोर पर खड़े शख्स के चेहरे पर भी मुस्कान लाने की दिशा में काम करते थे.
मुलायम सिंह यादव को याद कर बोले अफजाल अंसारी
सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि मुलायम सिंह यादव के खासकर पिछड़ों, अल्पसंख्यकों में जो सोच थी कि समाज के अंतिम व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान चाहिए और उस दिशा में वह काम करते थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज की सेवा में लगा दिया. अफजाल अंसारी ने कहा कि मुलायम सिंह यादव तीन बार मुख्यमंत्री रहे और बाद में उनके सुपुत्र माननीय अखिलेश यादव जी भी यूपी के मुख्यमंत्री बने. मुलायम सिंह देश के रक्षा मंत्री भी रहे. उन्होंने दो चीजों के लिए बेहद यादगार काम किया. एक जब पड़ोसी देशों ने छेड़खानी करना शुरू किया तो उन्होंने कहा था कि हम युद्ध नहीं चाहते, हम पड़ोसियों से मित्र जैसा रिश्ता चाहते हैं. यदि हम पर युद्ध थोपा जाएगा तो हम उनकी छाती पर चढ़कर उनके देश में होंगे.
वही दूसरी ओर कमांडर और अधिकारी जब शहीद होते थे तो उनका शव उनके परिजनों को सौंपा जाता था उस वक्त मुलायम सिंह यादव ने एक रास्ता बनाया कि अगर कमांडर का सम्मान है तो सैनिक का सम्मान भी उनसे कम नहीं होना चाहिए क्योंकि यही सैनिक जीवन को हथेली पर लेकर के दुश्मन का मुकाबला करता है. जिसके बाद से सैनिकों को शव भी उनके घरों तक आना शुरू हुआ.
मुलायम सिंह यादव ने लिए कई अहम फैसले
अफजाल अंसारी ने कहा कि मुलायम सिंह यादव का उर्दू को दूसरी राजभाषा का दर्जा देने का निर्णय लाजवाब था. वहीं हिंदी को राजभाषा और राजभाषा को जो स्थान मिलना चाहिए उसके लिए उन्होंने आंदोलन शुरू किया. मुलायम सिंह ने कहा कि हम अंग्रेजी से नफरत नहीं करते लेकिन जो हिंदी का मुकाम है वह मिलना चाहिए. मुलायम सिंह यादव का जो आदर्श है और जो सेवा और राजनीति का रास्ता है उस से प्रेरणा लेनी है उसकी तुलना नहीं करना चाहिए क्योंकि मुलायम सिंह यादव ने अपने कर्मों से सिद्ध कर दिया कि वो समाजवादी विचारधारा के पुरोधा हैं.
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