Ghazipur News: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर (Ghazipur) में राजापुर ग्राम सभा में ग्राम प्रधान की पहल पर एक पंचायत सचिवालय (Panchayat Secretariat) को ऐसे रूप दे दिया जिसे देखकर शायद ही कोई ये कहे कि ये गांव का सचिवालय है. यहां से गांव के लोग अपने तमाम काम करवा सकते हैं. यही नहीं गांव में स्वच्छता का संदेश देने के लिए ग्राम प्रधान ने अनोखी पहल की, उन्होंने गांव में एक ऐसा सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जिसे हूबहू एक ट्रेन के डिब्बे का रूप दिया गया उन्होंने इसको स्वच्छता एक्सप्रेस का नाम दिया है, जिससे लोगों में साफ-सफाई को लेकर जागरुकता फैलती है.
मिसाल बनी राजापुर ग्राम पंचायत
एक तरफ जहां आज भी गाजीपुर की कई ग्राम पंचायते हैं जहां सरकार द्वारा भेजे गए पैसे का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हुआ. कई जगहों पर आज भी शौचालयों के निर्माण नहीं हुआ है और जहां हुआ वहां ताला पड़ा है. लेकिन इन सब बातों के उलट राजापुर ग्राम सभा का नजारा एकदम अलग है. यहां के ग्राम प्रधान ने 19 लाख की लागत एक ऐसे पंचायत सचिवालय का निर्माण किया है जहां आय से लेकर जाति प्रमाण पत्र जैसे तमाम काम कराये जा सकते हैं. ये कमाम पेपर निशुल्क रूप से 10 दिन के अंदर उपलब्ध कराए जाते हैं. यहां पर अधिकारियों के बैठने के लिए मीटिंग हॉल के साथ-साथ आने वाले कर्मचारियों के उपस्थिति के लिए थम्ब स्कैनिंग अनिवार्य कर दिया है.
स्वच्छता मिशन के तहत खास शौचालय का निर्माण
पंचायत सचिवालय के अलावा ग्राम प्रधान ने 2 लाख रुपये की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण भी कराया है, जो स्वच्छता का संदेश देता है. ये शौचालय ट्रेन की डिब्बे की शक्ल में तैयार किया गया है. जिस पर लिखा है राजापुर जंक्शन से लखनऊ जंक्शन तक और इसे नाम दिया गया है स्वच्छता एक्सप्रेस. ग्राम प्रधान अश्वनी राय ने बताया कि हमारी सोच थी कि कुछ ऐसा किया जाए जो सबसे अलग हो और इसी सोच के चलते मैंने इन कामों को कराया है जिसको लेकर जनपद के स्वच्छ और सुंदर ग्राम सभा के मामले में राजापुर ग्राम सभा को मुख्यमंत्री द्वारा भी सम्मानित भी किया गया है.
साफ-सफाई के लिए 2 महिलाएं नियुक्त
स्वच्छता एक्सप्रेस की देख रेख के लिए इन्होंने गांव की ही दो महिलाओं को नियुक्त कर दिया है जो सामुदायिक शौचालय की देखरेख करती हैं. ग्रामीणों ने बताया कि सचिवालय बन जाने से अब इन लोगों को ब्लॉक तहसील या जिला मुख्यालय के चक्कर कम लगाने पड़ते हैं और सबसे बड़ी बात ये है कि गांव के छोटे-मोटे झगड़े को भी इसी सचिवालय पर निपटा दिए जाते है जिससे कि गांव के मामले थाने तक कम पहुंचते हैं. ग्राम प्रधान द्वारा कराए गए कामों की चारों तरफ जमकर चर्चा हो रही है.
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