Gonda News: उत्तर प्रदेश के गोंडा (Gonda) में सिस्टम की लापरवाही देखने को मिली है, जहां एक 80 साल के बुजुर्ग पिछले 6 महीने से अपने जिंदा होने के सबूत लेकर एक जगह से दूसरी जगह तक चक्कर काटने पड़ रहे हैं और 6 महीने से अधिकारी केवल आश्वासन ही दे रहे हैं. बुजुर्ग को मृत दिखाकर इनकी जमीन का दूसरे के नाम पर बैमाना कर दिया गया है. इस बात की जानकारी जब बुजुर्ग के परिवार को लगी तो वो भी हैरान रह गए और अब उनके जिंदा होने के सबूत लेकर परिवार भटक रहा है.
6 महीने से भटक रहे हैं बुजुर्ग
गोंडा के तहसील सदर के दसियापुर गांव के रहने वाले 80 वर्षीय राम अभिलाष की खतौनी में मृत दिखाकर इनकी जमीन को दूसरे के नाम बैनामा कर दिया गया है. इस बारे में जब उनके घर के सदस्यों को पता चला तो वो बुजुर्ग के जिंदा होने के सबूत लेकर जिला अधिकारी व उप जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों के पिछले 6 महीनों से चक्कर काट रहे हैं. इस बीच जिलाधिकारी तक का तबादला हो गया लेकिन बुजुर्ग की कोई सुनवाई नहीं हो पाई. अब ये मामला जिलाधिकारी डॉ उज्जवल कुमार के पास पहुंचा है, जिसके बाद उन्होंने तत्काल इस मामले की जांच करवाकर अभिलेख में दर्ज गलती को सही कराने के निर्देश दिए हैं.
जानिए कैसे हुई पूरी गड़बड़?
मामला ये है कि राम अभिलाख 80 साल के हैं और उनके साथ ही एक और राम अभिलाख हैं. दोनों के नाम की खतौनी एक ही जगह पर है. अब लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और दूसरे कर्मचारियों की गलती से किसी और की जमीन को दूसरे के नाम पर बैनामा करवा दिया गया. ये पूरा मामला जब एबीपी गंगा ने अधिकारियों के सामने रखा तो अब अधिकारी कार्रवाई की बात कह रहे हैं. ये पूरा मामला एक ही गांव के दो राम अभिलाख के होने से हो गया, जिनके गांव में एक हैं और खतौनी भी एक ही है. दूसरे राम अभिलाख की मृत्यु हो चुकी है. जिसके लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन दिया था. इसी कन्फ्यूजन में गलती हो गई. अब पूरे मामले की जानकारी हो गई है जल्द ही इस मामले का निस्तारण हो जाएगा.
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