Gonda News: उत्तर प्रदेश के गोंडा (Gonda) में कटरा ब्लॉक में मनरेगा (MGNREGA) की योजना के तहत कराए गए कामों में जीएसटी (GST) की चोरी की शिकायत पर गुरुवार को राज्यकर टीम ने बड़ी कार्रवाई की. राज्यकर विभाग (State Tax Department) की 6 सदस्यीय टीम ने गुरुवार को गोंडा के मेसर्स विष्णु इंटरलॉकिंग ब्रिक्स, मेसर्स संतोष कुमार ट्रेडर्स, मेसर्स आदर्श टेडर्स, मेसर्स भगवान ब्रिक्स फील्ड, मेसर्स शिव ब्रिक्स फील्ड फर्मों के दफ्तरों में छापेमारी की और अपनी जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंप दी है. अब देखना होगी कि इस पूरे मामले पर क्या कार्रवाई होती है. 

 

बीजेपी विधायक की शिकायत पर कार्रवाई

दरअसल कटरा विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक बावन सिंह ने कटरा ब्लॉक में मनरेगा योजना के तहत कराए गए कार्यों की आपूर्ति के संदर्भ जीएसटी चोरी की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि बिना जीएसटी की चुकाए करोड़ों रुपये का भुगतान कर दिया गया. इस मामले पर विशेष सचिव प्रथमेश कुमार ने आयुक्त राज्य कर को चिट्ठी भेजकर पूरे प्रकरण में कार्रवाई कर अवगत कराने के लिए आदेशित किया था. जिसके बाद जीएसटी प्रवर्तन टीम  ने 5 फर्मो पर की छापेमारी की और जांच कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजने के साथ कुछ अधिकारियों को भी भेज दी गई है. 


 

जीएसटी चोरी का लगाया आरोप

बीजेपी विधायक बावन सिंह ने मुख्यमंत्री से पत्र के माध्यम के माध्यम 5 फर्मों पर करोड़ों रुपये के वस्तु एवम सेवाकर चोरी का आरोप लगाकर जांच कराने की मांग की थी. उन्होंने पत्र में लिखा था कि "मेरी विधानसभा क्षेत्र में विकासखंड कटरा बाजार जनपद गोंडा में मनरेगा योजना के अंतर्गत कराए गए कार्यों की आपूर्ति ली गई. फार्मो को धनराशि का भुगतान कई करोड़ में किया गया है. परंतु संबंधित फर्म द्वारा जीएसटी का भुगतान न करके लाखों रुपए का गबन कर लिया गया है. अतः आपसे अनुरोध है कि उपरोक्त फर्मो द्वारा आपूर्ति की गई सामग्री की धनराशि के सापेक्ष नियमानुसार जीएसटी की धनराशि का भुगतान ना करके शासकीय धन राशि वालों लाखों के गबन के लिए इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाकर बिक्री कर विभाग की कार्रवाई कराने कृपा करें." 

 

पत्र के बाद राज्यकर विभाग की कार्रवाई

ये दफ्तर जब सीएम दफ्तर को रिसीव हुआ तो विशेष सचिव प्रथमेश कुमार ने आयुक्त राज कर को एक पत्र जारी किया जिसमें पत्र में उल्लेखित फर्मों द्वारा जीएसटी का भुगतान न करके लाखों रुपये का गबन की जाने की शिकायत की जांच और प्रकरण में नियमानुसार कार्रवाई कर 7 दिन के अंदर कार्रवाई से अवगत कराने के लिए कहा गया था. इस पत्र में मेसर्स विष्णु इंटरलॉकिंग ब्रिक्स, मेसर्स संतोष कुमार ट्रेडर्स, आदर्श ट्रेडर्स, मेसर्स भगवान ब्रिक्स फील्ड, शिव ब्रिक्स फील्ड, मेसर्स शिव ब्रिक्स फील्ड के खिलाफ शिकायत की गई है. ये फर्म ब्लॉक प्रमुख के प्रतिनिधि भवानी भीख शुक्ला और उनके बेटों के नाम हैं. 

 

शिकायत के पीछे राजनीतिक कारण!

दरअसल भवानी भीख शुक्ला कई वर्षों से कटरा ब्लॉक का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. ब्लाक प्रमुख कोई भी बने लेकिन सारा लेखा-जोखा और पैसे के बंदरबांट इन्हीं का रहता है. इसके पहले भी गौशाला घोटाले में इनका नाम सामने आ चुका है. भवानी भीख शुक्ला भी बीजेपी पार्टी में शामिल है और 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी कर रहे थे. यह भी बातें निकल के सामने आ रही थी कि भवानी भीख शुक्ला को कटरा विधानसभा सीट से ब्राह्मण चेहरा मानते हुए बीजेपी टिकट दे और वह समाजवादी पार्टी के ब्राह्मण प्रत्याशी बैजनाथ दुबे को करारी शिकस्त देंगे और मौजूदा विधायक बावन सिंह को कर्नलगंज विधानसभा की कमान सौंपी जाए लेकिन बीजेपी ने फिर से ही बावन सिंह पर भरोसा जताया और उन्होंने जीत हासिल की. बावन लगातार तीन बार से बीजेपी के विधायक हैं.


 

बताते चले कि 2020 में गौशाला मे अनियमिता की जांच करने आये अपर आयुक्त मनरेगा ने 25 करोड़ से ज्यादा की खरीदारी इन्हीं फर्मो से की गई थी. एसआईबी विभाग के राहुल द्विवेदी ने बताया कि टैक्स चोरी की शिकायत पर ईट भट्टो पर छापेमारी की गई है। जिसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी गोंडा को सौप दी गई है. तत्कालीन जांच अधिकारी योगेश कुमार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि कटरा बाजार में संगठित भ्रष्टाचार का बोलबाला है ब्लॉक से लेकर जिले स्तर के अधिकारी यहां के भ्रष्टाचार में जुड़े हुए हैं. 

 

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