Gonda News: यूपी के गोंडा में शिक्षा का बुरा हाल है. यहां के प्राथमिक विद्यालयों में कई ऐसे शिक्षक हैं तो स्कूल आते ही नहीं है. ये लिस्ट काफी लंबी है लेकिन यहां के शिक्षा क्षेत्र परसपुर में प्राथमिक विद्यालय नकई पुरवा एक महिला सहायक अध्यापक साल में सिर्फ 12 दिन हीं स्कूल आती हैं. उनके भाई का रसूख इतना है कि स्कूल के प्रधानाध्यापक का चार्ज संभालने वाले तक इनकी शिकायत करने से डरते हैं. कहने के लिए तो इस स्कूल में 4 अध्यापकों का स्टाफ है, लेकिन इनमें से सिर्फ 3 टीचर्स ही रेगुलरली आते हैं.
स्कूल से गायब रहती हैं अध्यापिका
नकई पुरवा के प्राथमिक विद्यालय में 4 अध्यापकों का स्टाफ है. जिसमें से राजेश कुमार वर्मा सहायक अध्यापक के पद पर तैनात हैं. उनको स्कूल के प्रधानाध्यापक का चार्ज मिला है. दूसरे सहायक अध्यापक हैं अर्जुन यादव, एक महिला शिक्षामित्र हैं जिनका नाम बेबी मिश्रा और चौथी मीनाक्षी सिंह हैं, जो तनख्वाह तो सरकार से लेती है लेकिन रहती अपने मायके या सुसराल में. सालभर में वो सिर्फ 12 बार ही स्कूल आती हैं. इस बारे में प्रधानाध्यापक से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर बहुत दबाव रहता है. इसलिए वो शिकायत नहीं करते, ऐसे में सवाल उठता है कि जिस तरह से मीनाक्षी सिंह सरकार से मोटी सैलरी लेने के बाद भी स्कूल नहीं जाती है उन पर बीएसए कैसी कार्रवाई करता है.
महीने में एक बार ही आती हैं स्कूल
मीनाक्षी सिंह का रसूख इतना है कि वो महीने में सिर्फ एक बार ही स्कूल आती हैं वो भी बच्चों को पढ़ाने के लिए नहीं बल्कि अटेडेंस लगाने के लिए. ये बात खुद स्कूल के टीचर्स और बच्चों ने बताई. यही नहीं अटेडेंस रजिस्टर में भी इसकी बानगी देखी जा सकती है. लेकिन प्रिसिंपल साहब की इतनी हिम्मत नहीं कि वो उनके नाम के आगे अनुपस्थित भी लिख दें, क्योंकि उन्हें अपनी जान और नौकरी दोनों का ही डर है. मीनाक्षी के परिवार के लोग दबंग है और उनका राजनैतिक रसूख भी है. इस बारे में जब स्कूल के एक टीचर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वो आखिरी बार 8 अप्रैल को आईं थी, वो ज्यादातर अपने सुसराल में ही रहती है. इसके आगे उन्होंने कुछ नहीं कहा.
डीएम ने दिलाया कार्रवाई का भरोसा
इस बारे में जब जिला अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि स्कूल में सभी टीचर्स को जाना ही पड़ेगा. इसके साथ ही उन्होंने मीनाक्षी सिंह के खिलाफ कार्रवाई की भी बात कही. डीएम डॉ उज्जवल कुमार ने कहा कि इस बारे में बीएसए और एबीएसए को जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. जो भी टीचर्स रोजाना स्कूल नहीं पहुंचते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालय नकई पुरवा का मामला आज संज्ञान में आया है. इसके पहले भी एक टीचर को निलंबित किया जा चुका है. इसके साथ ही उन्होंने अभिभावकों से अपील की अगर किसी स्कूल में टीचर्स गायब रहते हैं तो उसकी जानकारी उन्हें दी जाए. ऐसे अध्यापकों पर कार्रवाई की जाएगी.
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