Gonda CBI Investigation: उत्तर प्रदेश में आयुष मेडिकल कॉलेजों में फर्जी तरीके से 891 छात्रों प्रवेश का मामला सामने आने के बाद गोंडा के एससीपीएम कॉलेज को सीबीआई की तरफ से नोटिस दिया गया था. जिस पर एससीपीएम कॉलेज के निदेशक की सफाई सामने आई है. कॉलेज निदेशक ने मीडिया के सामने इस बारे में बात करते हुए कहा कि हमारे कॉलेज में कोई ऐसा छात्र नहीं है. दो संदिग्ध छात्रों को लेकर एक चिट्ठी आई थी जिसकी जांच कराई गई तो उसमें कोई गड़बड़ी नहीं मिली है.


सीबीआई की चिट्ठी कॉलेज की सफाई


एससीपीएम कॉलेज के निदेशक अजिताभ दुबे ने कहा कि सीबीआई की तरफ से चिट्ठी आने के बाद स्कूल प्रबंधन ने नीट की सभी साइटों पर जाकर आयुष के 100 छात्रों के प्रवेश का सत्यापन किया और जिसके बाद इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है. फिलहाल अब दो संदिग्ध छात्रों की सीबीआई जांच कर रही है. जांच के बाद पूरा मामला सामने आएगा लेकिन जिस तरीके से यूपी के कई आयुष मेडिकल कॉलेजों में फर्जी तरीके से 891 छात्राओं के प्रवेश का मामला सामने आने के बाद गोंडा के एससीपीएम कॉलेज में सीबीआई की तरफ से चिट्ठी आने के कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है.

कॉलेज निदेशक के मुताबिक शासन से इसकी सूचना मिली है इसके बारे में उन्होंने हमसे पत्राचार भी किया है. जिसके बाद हमने सभी 100 छात्रों का सत्यापन करके उनको जवाब भेज दिया है. उसके बाद उनका फोन भी वहां से आया और कहा गया कि आपके यहां गलती से चिट्टी पहुंची है. बच्चों की गोपनीयता को देखते हुए उनके नाम बताना उचित नहीं है और हमारे यहां कोई बच्चा है भी नहीं. अब शासन की तरफ से जांच की जा रही है जो निर्णय आएगा आपके सामने होगा, सीबीआई जांच कर रही है. 


आयुष कॉलेज में फर्जी एडमिशन का मामला


यूपी के आयुष कालेजों में हुए फर्जी प्रवेश के मामले में लगातार जांच की जा रही है और पूरे प्रकरण में सीबीआई जांच भी प्रक्रिया जारी है. आयुष कॉलेजों में पिछले शैक्षिक सत्र-2021 में फर्जी ढंग से प्रवेश पाने वाले 891 छात्रों का मामला उजागर होने के बाद अब प्रदेश के आयुष कालेजों के हुए फर्जी प्रवेश की भी जांच की जा रही है. इसी क्रम में गोंडा के एससीपीएम आयुष कॉलेज का भी नाम सामने आया है. जिसमें शासन की तरफ से नोटिस भेजा गया है. यहां दो छात्रों का प्रवेश संदिग्ध माना गया है और सत्यापन कर रिपोर्ट मांगी गई है. 


दरसअल बीते वर्ष 2021 में बिना नीट पास किये BAMS की सीट पर 891 छात्रों का दाखिल हुआ, इस मामले की जांच अब सीबीआई को सौंप दी गई है. इस पूरे प्रकरण में शामिल कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. इस मामले पर खुद सीएम योगी आदित्यनाथ नजर रखे हुए हैं. 


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