Gonda News: यूपी सरकार अमृत सरोवर योजना (Amrit Sarovar Yojana) के तहत तालाबों के सुंदरीकरण और जल संरक्षण की बात करती है. अधिकारी और कर्मचारी अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों के सुंदरीकरण में जुटे हुए हैं, लेकिन गोंडा (Gonda) की हालत इससे एक उलट है. यहां शहर क्षेत्रों के लगभग एक दर्जन तालाब अपना अस्तित्व खोते नजर आ रहे हैं. दबंग भू-माफिया अवैध तरीके से तालाबों (Pond) की पटाई करवा कर उस पर प्लाटिंग करवा रहे हैं. यही नहीं कई तालाबों में तो मिट्टी भरकर बड़ी-बड़ी बिल्डिंग तक बनाई जा चुकी है. ऐसा ही रहा तो आने वाले समय में तालाबों का अस्तित्व ही खो जाएगा. 

 

भू-माफियाओं का तालाबों पर कब्जा

तालाबों पर अवैध कब्जा करने की वजह से यहां पर तालाब लुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं. ऐसे में नगर मोहल्लों से निकलने वाले पानी को जिला प्रशासन कहां खापायेगा? पिछले साल भारी बारिश में नगर वासियों  को जलभराव का भी सामना करना पड़ा था लेकिन नगरपालिका के अधिकारी चेत नहीं रहे हैं. इससे नगर पालिका प्रशासन और नगर पालिका चेयरमैन की उदासीनता और संलिप्तता कहीं ना कहीं जाहिर हो रही है. आप देखेंगे कि क्षेत्रों के तालाबों के किनारे बड़ी बड़ी बिल्डिंग ही नजर आती है.

 

तालाबों का अस्तित्व खत्म होने की कगार पर

गोंडा शहर क्षेत्र के तालाबों की बात की जाए तो यहां पर प्रसादी तालाब, बभनी का बड़ा तालाब, पांडे तालाब, मवैया तालाब और आईटीआई के पास बड़ा तालाब जिनका अस्तित्व खत्म होने की कगार पर है. ऐसे ही कई तालाब हैं. ये बात तो नगर क्षेत्र की हो गई अगर जिले के तालाबों की बात की जाए तो उसका आंकड़ा निकाल पाना अभी तक मुश्किल है. इस मामले पर जिलाधिकारी डॉ उज्जवल कुमार ने कहा कि लगातार तालाबों के पाटने की सूचना मिल रही थी जिस पर एक जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. जो नगर क्षेत्र के साथ-साथ जिले के तालाबों का भौतिक सत्यापन करेंगे और सत्यापन के बाद जो अतिक्रमण तालाबों पर किया गया है उस पर भी कार्रवाई की जाएगी.

 

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डीएम ने जांच कमेटी की गठन किया
एबीपी गंगा से बातचीत में डीएम ने कहा कि शहर के तालाबों को लेकर काफी शिकायतें आ रही थी कि उन पर कब्जा हो रहा है. तालाबों को पाटा जा रहा है. इसकी जांच के लिए जिला स्तरीय अधिकारी की अध्यक्षता में एक टीम का गठन किया गया है, जो अभिलेखों में दर्ज तालाब है उसका सत्यापन किया जाएगा और अतिक्रमण को नियमानुसार हटवाया जाएगा. इसके लिए जिला स्तरीय टीम का गठन किया गया है. साथ ही जो तालाब संरक्षित हैं उनके साथ सफाई करवाने के लिए निर्देशित किया गया है. जो भी संरक्षित तालाब हैं जैसे राधाकुंड और सगरा तालाब और उसके प्रोजेक्ट का भी काम हो रहा है. 

 

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