Gorakhpur News: विजयदशमी (Vijayadashmi 2022) पर हर बार की तरह इस साल भी गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) में लगने वाली संतों की अदालत में गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) दंडाधिकारी की भूमिका में रहेंगे. इस अदालत में वह संतों के आपसी विवाद सुलझाएंगे साथ ही विजय शोभायात्रा की अगुवाई करेंगे. गोरखनाथ मंदिर की ओर से मिली जानकारी के अनुसार गोरक्षपीठ में विजयदशमी का दिन एक और मायने में भी खास होता है. इस दिन यहां संतों की अदालत लगती है और गोरक्षपीठाधीश्वर दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं.
जानिए कैसी है ये परंपरा
नाथपंथ की परम्परा के अनुसार हर साल विजयदशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में पीठाधीश्वर द्वारा संतों के विवादों का निस्तारण किया जाता है. मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ नाथपंथ की शीर्ष संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के अध्यक्ष भी हैं. इसी पद पर वह दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं. गोरखनाथ मंदिर में विजयदशमी को पात्र पूजा का कार्यक्रम होता है. इसमें गोरक्षपीठाधीश्वर संतो के आपसी विवाद सुलझाते हैं. विवादों के निस्तारण से पूर्व संतगण पात्र देव के रूप में योगी आदित्यनाथ का पूजन करते हैं. पात्र देवता के सामने सुनवाई में कोई भी झूठ नहीं बोलता है. पात्र पूजा संत समाज में अनुशासन के लिए भी जाना जाता है.
अल्पसंख्यक समुदाय भी होता है शामिल
सामाजिक समरसता के ताने-बाने को मजबूत कर समग्र रूप में लोक कल्याण की भावना को संजोए इस पीठ से प्रति वर्ष विजयदशमी को निकलने वाली विजय शोभायात्रा अनूठी होती है. गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई वाली परंपरागत शोभायात्रा में हर वर्ग के लोग तो शामिल होते ही हैं, इसका अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम व बुनकर समाज) के लोगों द्वारा भव्य स्वागत भी किया जाता है.
करीब तीन दशक से मंदिर को कवर करने वाले गिरीश पांडेय बताते हैं कि गोरक्षपीठ ने कभी भी किसी को जाति या मजहब के चश्मे से नहीं देखा. गोरखनाथ मंदिर परिसर में अल्पसंख्यक समुदाय के ऐसे दुकानदार बहुतायत में हैं जो पीढ़ियों से यहीं रोजी-रोजगार करते हैं. सांसद के रूप में योगी आदित्यनाथ रोजाना सुबह फरियादियों की समस्याओं का समाधान कराते थे तो उसमें सर्वाधिक संख्या अल्पसंख्यक समुदाय के पुरुष-महिलाओं की होती थी और, आज के दौर के जब भी यहां सीएम का जनता दर्शन कार्यक्रम होता है तो भी ये नजारा देखने को मिलता है.
दिखेगी सामाजिक समरसता की विहंगम झलक
दशहरे के दिन गोरखनाथ मंदिर की विजयदशमी शोभायात्रा का इंतजार तो पूरे शहर को होता है लेकिन सबसे अधिक उत्साह अल्पसंख्यक समुदाय के उन लोगों में दिखता है जो मंदिर के मुख्य द्वार से थोड़ी दूर घंटों पहले फूलमाला लेकर गोरक्षपीठाधीश्वर के स्वागत में खड़े रहते हैं. गोरक्षपीठाधीश्वर का काफिला जब यहां रुकता है तो सामाजिक समरसता की वह तस्वीर विहंगम होती है.
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शाम को निकलेगी गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा
परंपरा के अनुसार इस वर्ष भी विजयदशमी के दिन सायंकाल गोरखनाथ मंदिर से गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली जाएगी. पीठाधीश्वर, गुरु गोरक्षनाथ का आशीर्वाद लेकर अपने वाहन में सवार होंगे. तुरही, नगाड़े व बैंड बाजे की धुन के बीच शोभायात्रा मानसरोवर मंदिर पहुंचेगी. यहां पहुंचकर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ से जुड़े मानसरोवर मंदिर पर देवाधिदेव महादेव की पूजा-अर्चना करेंगे. इसके बाद उनकी शोभायात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंचेगी. यहां चल रही रामलीला में वह प्रभु श्रीराम का राजतिलक करेंगे. इसके साथ ही प्रभु श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण व हनुमानजी का पूजन कर आरती भी उतारी जाएगी. यही नहीं विजयादशमी के दिन गोरखनाथ मंदिर में होने वाले पारंपरिक तिलकोत्सव कार्यक्रम में गोरक्षपीठाधीश्वर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद भी देंगे.
नवमी पर कन्या पूजन करेंगे सीएम योगी
शक्ति आराधना के अनुष्ठान के क्रम में नवमी तिथि को (मंगलवार पूर्वाह्न्) मुख्यमंत्री योगी दुर्गा स्वरूपा कुंवारी कन्याओं के पांव पखारेंगे, उनके माथे पे रोली, चंदन, दही, अक्षत का तिलक लगा विधि विधान से पूजन करेंगे. पूरी श्रद्धा से भोजन कराकर दक्षिणा व उपहार देकर उनका आशीर्वाद भी लेंगे. इस दौरान परंपरा के अनुसार बटुक पूजन भी किया जाएगा.
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