Gorakhpur News: माफिया डॉन राजन तिवारी (Rajan Tiwari) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. उसके खिलाफ पुलिस वालों को धमकी देने के मामले में केस दर्ज किया गया है. बिहार (Bihar) के रक्सौल से गुरुवार 18 अगस्त को गिरफ्तारी के बाद उसे गोरखपुर (Gorakhpur) के सिविल कोर्ट (Civil Court) में गैंगस्टर (Gangster) कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में गोरखपुर जेल भेज दिया गया. हालांकि गिरफ्तारी से पहले वो ये कोशिश करता रहा कि पुलिस (Police) उस न पकड़ सके और सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न की. जब उसे जेल भेजा जा रहा था तो उसने पुलिसकर्मियों को छूटने के बाद देख लेने की धमकी भी दी.


राजन तिवारी के खिलाफ एक और मामला दर्ज
गोरखपुर के एसपी सिटी कृष्‍ण कुमार बिश्‍नोई ने बताया कि माफिया डॉन राजन तिवारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 353, 504, 506 के तहत केस दर्ज किया गया है. उसके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने का भी मामला है. एसपी सिटी ने बताया कि गोरखपुर के वांछित अपराधी राजन तिवारी को रक्सौल से गोरखपुर पुलिस गिरफ्तार करके ला रही थी, तो उसने सरकारी काम में बाधा डालने की कोशिश की और पुलिस वालों को देख लेने की भी धमकी दी. 
एसपी सिटी कृष्‍ण कुमार बिश्‍नोई ने बताया कि राजन तिवारी के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने और धमकी देने के मामले में कैंट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. गोरखपुर, बिहार और अन्य जगहों पर उसकी संपत्ति का ब्योरा जुटाया जा रहा है. इसके आधार पर आगे गैंगस्टर के तहत आगे (कुर्की) की कार्रवाई भी की जाएगी.  


राजन तिवारी का अपराध कुंडली
पूर्व बाहुबली विधायक और 25 हजार के इनामी राजन तिवारी की गोरखपुर पुलिस को काफी दिनों से तलाश रही है. वो गोरखपुर के कैंट थाने में गैंगस्टर में वांछित रहा है. उसके खिलाफ गोरखपुर में 28 मुकदमें दर्ज है और 60 से अधिक गैर जमानती वारंट जारी हो चुके हैं. गोरखपुर के सोहगौरा गांव का रहने वाला राजन तिवारी यूपी के टॉप 25 माफिया की सूची में रहा है. आतंक का पर्याय रहे माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्‍ला का साथी रहे राजन तिवारी नेपाल भागने की फिराक में था. राजन तिवारी मोतिहारी के गोविन्‍दगंज से विधायक भी रह चुका है. बिहार और यूपी में उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं.
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यूपी-बिहार में दर्ज है कई मुकदमें
पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार साल 1998 में गोरखपुर में पुलिस पर कारबाईन से हमला कर राजन तिवारी फरार हो गया. राजन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया. तभी से राजन तिवारी फरार रहा है. इस मामले में गोरखपुर कोर्ट से 12 जुलाई 2022 को गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी हुआ. यूपी में राजन तिवारी पर यूपी और बिहार में 40 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राजन तिवारी ने लखनऊ में बीजेपी की सदस्यता ली. जिस पर काफी विवाद हुआ. इसके बाद पार्टी ने उससे किनारा कर लिया.


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