Gorakhpur Triple Murder Case: यूपी के गोरखपुर (Gorakhpur) में मार्च 2021 में हुए तिहरे हत्याकांड (Triple Murder) के आरोपी युवराज सिंह उर्फ राज सिंह पर एनएसए (NSA) की कार्रवाई हुई है. गोरखपुर के जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने उसके खिलाफ एनएसए लगाया है. तिहरे हत्याकांड का आरोपी अपने साथियों के साथ पहले ही जेल जा चुका है. उसके ऊपर गैंगस्टर (Gangster Act) की भी कार्रवाई हो चुकी है. आरोपी युवराज के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास समेत कई अन्य संगीन धाराओं में कुल 8 मुकदमें दर्ज हैं.
जानिए क्या है पूरा मामला
शातिर शार्प शूटर युवराज पर गोरखपुर के गगहा थाने में कुल 8 मुकदमें दर्ज हैं. इनमें गैंगस्टर, हत्या, हत्या के प्रयास, पॉस्को एक्ट, आर्म्स एक्ट समेत अन्य संगीन धाराओं में मुकदमें दर्ज हैं. दरअसल10 मार्च 2021 जिला पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे रितेश मौर्य की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले में आईपीसी की धारा 302, 34, और 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया. पुलिस सभी फरार आरोपियों की तलाश कर रही थी. इसी बीच 31 मार्च की रात गगहा थानाक्षेत्र के गगहा बाजार में दुकान के मालिक शिवशंभू मौर्य और उसके कर्मचारी संजय पाण्डेय की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इस मामले में भी आईपीसी की धारा 302, 34, और 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया.
तिहरे हत्याकांड से मच गई थी सनसनी
पुलिस ने जब रितेश और शंभू के मर्डर की कड़ियों को जोड़ा, तो मामला शीशे की तरह साफ हो गया. इन दोनों ही वारदातों के आरोप में युवराज सिंह, मृगेन्द्र सिंह और अन्य के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया. पुलिस के मुताबिक साल 2013 में हुए तिहरे हत्याकांड में रितेश मौर्य और शम्भू मौर्य पैरोकार रहे हैं. इसी रंजिश में युवराज और मृगेन्द्र ने अपने साथियों के साथ मिलकर तिहरे हत्याकांड को अंजाम दिया. हत्याकांड के बाद पुलिस ने एक आरोपी को पहले ही जेल भेज दिया. इसके बाद 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इस हत्याकांड का प्लान वेद प्रकाश सिंह के पोल्ट्री फार्म में बनाया गया. योजनाबद्ध तरीके से पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे रितेश मौर्य की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
मृगेन्द्र और युवराज ने दिया हत्याकांड को अंजाम
रितेश की हत्या को मृगेन्द्र सिंह और युवराज सिंह ने अंजाम दिया. इस हत्या के बाद शिव शंभू मौर्य, रितेश मौर्या की हत्या को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. जिसके बाद शिवशंभू की भी हत्या कर दिया गई, और दोनों आरोपी राजू चौधरी नाम के शख्स की स्कॉर्पियो से फरार हो गए. इसमें राजू के साथ आकाश यादव भी मौजूद रहा है. हत्या करने के बाद से आरोपी फरार चल रहे थे, लेकिन पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. गिरफ्तार आरोपियों में वेद प्रकाश सिंह, अमित सिंह, अभिषेक सिंह उर्फ हैप्पी सिंह, राजू चौधरी, विशाल सिंह उर्फ कल्लू सिंह और आकाश यादव शामिल रहे हैं.
रितेश मौर्या, शंभू मौर्य और उनकी दुकान के कर्मचारी संजय पांडेय की सनसनीखेज हत्या मृगेन्द्र सिंह ने अपने साथी युवराज सिंह के साथ मिलकर की. तीनों हत्याओं में मृगेन्द्र ने गोलियां दागी. युवराज ने बाइक चलाकर उसका साथ दिया. तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार पी के निर्देश पर पुलिस ने नाइन एमएम पिस्टल सहित तीन अन्य पिस्टल, रुपये, कार्ड, मोबाइल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किया.
पुलिस पूछताछ में किया ये बड़ा खुलासा
पुलिस पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि साल 2013 में रस्सी खरीदने के विवाद में दुर्वासा गुप्ता, पत्नी और बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड को मृगेन्द्र सिंह के भाई टीका सिंह ने अंजाम दिया था. इस घटना में तीन लोग घायल भी हुए थे. दुर्वासा के बेटे बांकेलाल ने मुकदमा दर्ज कराया. सनी ने बताया कि वह सुलह के लिए बांके लाल को राजी करने में लगा रहा, लेकिन रितेश मौर्या और शंभू मौर्या के विरोध से उनको सजा होने का डर रहा है. इस मुकदमे में सनी जमानत पर छूटा था. जबकि उसका भाई टीका सिंह जेल में है.
दोनों आरोपियों को हत्या के लिए सिंहासन यादव ने असलहे और कारतूस मुहैया कराए. 10 मार्च को मृगेन्द्र उर्फ सनी और युवराज बाइक से पहुंचे. रोजाना रात में आठ से नौ बजे के बीच गगहा चौराहे पर पहुंचने वाले रितेश मौर्या की गोली मारकर हत्या कर दी. वे गोरखपुर से भागकर दिल्ली पहुंचे. इसके बाद दोबारा लौटकर 31 मार्च की रात शिवशंभू मौर्या की उसकी दुकान में ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी. उसे बचाने का प्रयास कर रहे कर्मचारी संजय पाण्डेय की भी गोली का शिकार होकर मौत हो गई.
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