Gorakhpur News: अगर आप गेट-वे के जरिए रुपये का ट्रांजेक्शन करते हैं, तो सावधान हो जाएं. ऐसा न हो कि आपकी जीवनभर की गाढ़ी कमाई पर कोई हाथ साफ कर दे. गोरखपुर (Gorakhpur) में हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां ईजी-पे गेटवे के कस्टमर्स के साथ एक करोड़ की ठगी करने वाले दो एजेंटो को गिरफ्तार किया गया है. इन एजेंटों ने साउथ इंडिया के कुछ कस्टमर्स के आधार और फिंगर प्रिंट का गलत इस्तेमाल कर उनके खाते से पैसे निकाल अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए.
गोरखपुर के पुलिस लाइन सभागार में एसपी क्राइम इंदु प्रभा ने बताया कि महाराष्ट्र के पुणे के यरवडा पंचशील टेक पार्क वन के रहने वाले ईजी-पे प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजर विकास मकवाना ने गोरखपुर के साइबर क्राइम थाने में डाक के जरिए एक शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि ईजी-पे प्राइवेट लिमिटेड एक गेटवे है. इसका यस बैंक, एनएसडीएल पेमेंट बैंक और स्क्वायर बैंक से समझौता है. उन्होंने कहा कि साउथ इंडिया के हैदराबाद और आसपास के कस्टमर्स ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनके लेनदेन के बगैर खाते से रुपये निकाल लिए गए हैं.
आधार और फिंगर प्रिंट का इस्तेमाल कर ठगी
इसके बाद पुलिस ने ग्राहकों से बातचीत की. उन्होंने बताया कि गोरखपुर के कुछ एजेंट ने कस्टमर्स के आधार नंबर और अंगूठे के निशान का डाटा लेकर बैंक अकाउंट से अनधिकृत रूप से अलग-अलग खातों से एक करोड़ रुपये निकाल कर अपने खाते में ट्रांसफर करके साइबर फ्रॉड किया है. उनके खिलाफ साइबर क्राइम थाने में आईपीसी की धारा 419, 420 और 43, 66, 66 सी आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया. साइबर थाने की पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस के मुताबिक आरोपियों की पहचान गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र के विकास उर्फ विक्की साहनी और आजमगढ़ जिले अक्षय यादव के रूप में हुई है. उनके पास से एक लाख 23 हजार रुपए नकद, एक बाइक, कान की बाली, गले की चेन, मंगलसूत्र, 11 बिछिया, 6 अदद मोबाइल बरामद किया है. एसपी क्राइम इंदु प्रभा ने बताया कि EASYPAY PVT. LTD. एक पेमेंट गेटवे कंपनी है. ये मनी ट्रांसफर आधार, निकासी ऑनलाइन की सेवाएं प्रदान करती है. कंपनी को उनके स्पांसर्स बैंक के माध्यम से ग्राहकों की शिकायत आई. उनके आधार और फ्रिंगर प्रिंट के माध्यम से उनके खाते से रुपये निकाले गए हैं.
ऐसे लोगों को बनाते थे शिकार
जांच में पता चला कि ये एक एईपीएस (ADHAR ENABLED PAYMENT SERVICES) इस तरह के अपराध में साइबर अपराधी के द्वारा भू-लेख की वेबसाइट से ग्राहक के रजिस्ट्री पेपर डाउनलोड कर लिया जाता है. जहां पर अंकित आधार कार्ड संख्या और अंगूठे के निशान को लिटमस पेपर पर प्रिंट करके प्रिंटिग इन्हैंसर के मदद में उस फ्रिंगर प्रिंट का नकल कर लेते हैं. इसके माध्यम से मार्फी के मदद से ग्राहक के खाते से अनधिकृत रूप से धन निकासी कर लेते हैं. AEPS की मदद से रोजाना 10,000 अधिकतम धनराशि निकाली जा सकती हैं. ग्राहक के पैसे उसके खाते से निकाल कर EASYPAY कंपनी के वॉलेट में ट्रांसफर हो जाता है, जिसके बाद EASYPAY कंपनी के वॉलेट से किसी भी बैंक खाते में ट्रांसफर करने के बाद उस पैसे को एटीएम से निकाला जा सकता है.
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