UP News: अंतरराज्यीय गैंग के 12 सदस्यों को गोरखपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इनमें 8 वयस्क हैं और चार बाल अपचारी हैं. इस गैंग ने यूपी के वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर समेत कई राज्यों में चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है. चोरी के 100 से अधिक मोबाइल चुराने के बाद ये साइबर ठगी करने वाले झारखंड के साइबर क्रिमिनल्स को मोबाइल 4 से 5 हजार रुपए में बेच देते रहे हैं. इस गैंग के सदस्य 10 से 12 साल के बच्चों को मोबाइल चोरी के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल करते रहे हैं.
एसपी सिटी ने किया खुलासा
गोरखपुर के एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने पुलिस लाइन्स सभागार में सोमवार को घटना का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि कैण्ट पुलिस ने झारखंड के दो अंतरराज्यीय गैंग के 12 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें चार बाल अपचारी हैं. इनकी पहचान झारखंड के साहिबगंज जिले के तालझारी थाना क्षेत्र के मेहतो निवासी शेखर कुमार मेहतो, साहिबगंज जिले के तालझारी थाना क्षेत्र के महाराजपुर के मिथुन मेहतो, वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के दुर्गाकुंड के रहने वाले विक्रम चौहान, साहिबगंज जिले के तालझारी थाना क्षेत्र के नया टोला महराजपुर के रहने वाले गोपाल कुमार महतो के रूप में हुई है.झारखंड के साहिबगंज जिला के तीन पहाड़ बाबूपुर के रहने वाले मंतोष सिंह, बिहार के वैशाली जिला के फत्तेहपुर राघोपुर चांदपुरा के धर्म कुमार, झारखंड के साहिबगंज जिला के तीन पहाड़ के रहने वाले राहुल कुमार महतो, बस्ती जिले के पुरानी बस्ती दक्षिण दरवाजा थानाक्षेत्र के पठान टोला के रहने वाले मनीष कुमार कसौधन को सुबह 5.45 बजे गिरफ्तार किया है. आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.
यूपी में चोरी करने के बाद चले जाते थे झारखंड
एसपी सिटी ने बताया कि इनके पास से 12 मोबाइल और 72 ग्राम स्मैक बरामद हुई है. .ये जिस शहर में जाते हैं, वहां पर किराए पर कमरा अपने आधार कार्ड पर लेते हैं. वहां पर 15 दिन रहने के बाद वे सभी 75 से 100 मोबाइल चोरी करने के बाद वहां से झारखंड चले जाते हैं. वहां पर ये साइबर क्राइम करने वाले गिरोह के सदस्यों को मोबाइल बेच देते रहे हैं. इनके अपराध करने का तरीका बिल्कुल अलग है. ये चोरी करने के लिए सुबह एक साथ आटो बुक करके निकलते हैं. भीड़भाड़ वाले बाजार, मंडी, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन पर पहुंचने के बाद खुद आटो में बैठे रहते हैं और अपने साथ ले गए बच्चों को भेज देते हैं.
कई राज्यों में दिया है चोरी की घटना को अंजाम
10 से 12 साल के बच्चों के जरिए मोबाइल पर हाथ साफ कर वहां से वापस किराए के कमरे पर चले आते हैं. इन्होंने कई राज्यों में चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे छह दिन से गोरखपुर में थे. झारखंड के रहने वाले ये चोर 75 से 100 की संख्या में मोबाइल चुराने के बाद ये लोग साइबर क्रिमिनल को झारखंड में बेच दिया जाता है. वे क्रिमिनल चोरी के उन मोबाइल के माध्यम से देशभर में लोगों को साइबर अपराध का शिकार बनाते हैं.
गोरखपुर में किराए के मकान में रह रहे थे आरोपी
ये लोग गोरखपुर में एक किराए के मकान में रह रहे थे. एक ऑटो चालक को भी गिरफ्तार किया गया है. जो सात दिन से इन लोगों को चोरी की घटनाओं में ले जाकर चोरी की घटनाओं में मदद करता रहा है. उन्होंने कहा कि ये निराशाजनक हैं कि 15 दिन के लिए आने वाले लोगों को लोग किराए पर बगैर जांच के कमरा दे देते हैं. ऐसे संदिग्ध लोगों को कमरा किराए पर देने के पहले उनके बारे में अच्छे से जानकारी हासिल कर लेना चाहिए. बगैर जांच पड़ताल के कमरा देने वालों से वे अपील करते हैं कि वे ऐसा न करें, नहीं तो वेरिफिकेशन कराकर उनके खिलाफ भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.