ग्रेटर नोएडा: 5 प्रोजेक्ट्स में बायर्स के लिए बड़ी खबर, अथॉरिटी ने लिया अहम फैसला, कंपनियों को होगा ये नुकसान
उत्तर प्रदेश स्थित ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण ने बिल्डर्स को कड़ी फटकार लगाई है. इसके अलावा प्राधिकरण ने अहम फैसला किया है जिसका असर बायर्स पर पड़ेगा.
Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बायर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए आज पेंडिंग पड़े फ्लैट की रजिस्ट्री को लेकर बिल्डरों को कड़ी फटकार लगाई कहा खरीददारों की 31 दिसंबर तक रजिस्ट्री करो नहीं तो प्राधिकरण से मिलने वाली राहत वापस ले ली जाएगी.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने बिल्डर्स मीटिंग में आज सबसे पहले पेंडिंग फ्लैटों की रजिस्ट्री का मुद्दा उठाया और कहा 31 दिसंबर तक रजिस्ट्री संपन्न कराए अन्यथा अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों से बिल्डरों को दी गई राहत को प्राधिकरण वापस ले लेगा.
आप को बता दे रजिस्ट्री न कराने वाले पांच बड़े प्रोजेक्ट ये है जिन्हे प्राधिकरण ने चिन्हित किया है जिसमें यमुना बिल्डटेक (मिग्सन विलासा) -ईटा टू -763, देविका गोल्डहोम -सेक्टर-1 -714 ,एसडीएस इंफ्राटेक -ओमेगा टू -396, अजय इंटरप्राइज -सेक्टर-2 -240 और महालक्ष्मी बिल्डटेक (मिग्सन अल्टिमो)- ओमीक्रॉन-3 -145 शामिल है.
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एसीईओ ने बिल्डर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दी चेतावनी
इसके अलावा एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने एनओसी के नाम पर फ्लैट बायर्स से मोटी रकम ऐंठने वाले बिल्डरों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी और एसीईओ ने साफ कहा है कि लीज डीड पर विलंब शुल्क से राहत सिर्फ 21 जनवरी 2025 तक ही है इसके आगे कोई राहत नहीं मिलेगी .
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की माने तो इन परियोजनाओं में कुल फ्लैट हैं, जिनमें से 38,661 के लिए कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र जारी किया जा चुका. अब तक लगभग 31,600 फ्लैटों की रजिस्ट्री भी की जा चुकी है. लेकिन अभी भी करीब 34 बिल्डर परियोजनाओं में लगभग 7000 फ्लैटों की रजिस्ट्री होना बाकी है.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इन 31,600 फ्लैटों की रजिस्ट्री कराने के बिल्डर पर लगातार दबाव बना रहा है . प्राधिकरण का कहना है कि 21 जनवरी 2025 को विलंब शुल्क से छूट खत्म होने से पहले बायर्स के नाम इन फ्लैटों की रजिस्ट्री हो जानी चाहिए ताकि बायर्स पर विलंब शुल्क बच सके .